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अयोध्या में भगवान राम का भव्य तिलकोत्सव, बड़े धूमधाम से निकली बारात

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प्रेरणा प्रतिवेदन अयोध्या 19 नवंबर : मंगलगीतों के बीच 18 नवंबर दिन सोमवार को दशरथनंदन कुमार प्रभु श्रीराम व उनके अनुजों का तिलकोत्सव समारोह श्रद्धा एवं उल्लास के बातावरण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राजा जनक के रूप में महोश प्रदेश नेपाल के मुख्यमंत्री सतीश सिंह ने लग्न पत्रिका व साथ में लाए गये 501 प्रकार के नेग को समर्पित किया। इस लग्न पत्रिका व नेग को श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने राजा दशरथ के रूप में स्वीकार किया और मेहमानों का स्वागत करते हुए मार्ग शीर्ष पंचमी के पर्व पर जनकपुर में श्रीसीताराम विवाहोत्सव के आयोजन की घोषणा की।
इसके पहले रामसेवक पुरम में आयोजित तिलक समारोह में वर-वधू पक्ष की ओर से नवग्रह व गणपति का पूजन किया गया। कन्या पक्ष ने वर का वरण किया। मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राजा जनक के रूप में भगवान राम के स्वरूप के पांव पखारने के साथ तिलक लगाकर उन्हें दामाद के रूप में स्वीकार किया। इस दौरान वर पक्ष से बावन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण व महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने पूजन में हिस्सा लिया। जनकपुर नगर निगम के महापौर मनोज शाह ने वर पक्ष तो अयोध्या के महापौर त्रिपाठी ने कन्या के मेहमानों का अंग वखम भेंट कर यथोचित सम्मान किया। इस मौके पर वर-वधू पक्ष के पुरोहितों का भी अलग- अलग सम्मान किया गया। जनकपुर की महिलाएं नाचते-थिरकते मंगल गीत के माध्यम से मांगलिक कार्यक्रम में रस घोलती रही। उधर जानकी मंदिर जनकपुर के महंत राम रोशन शरण कतिपय कारणों से नहीं आए। समारोह में नेपाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री शत्रुघ्न सिंह, गृहमंत्री राजकुमार लेखी, श्रम मंत्री कौशल किशोर राय, वन मंत्री त्रिभुवन शाह व पर्यटन मंत्री शकील अंसारी व महिला संसदीय समिति चेयरमैन रूपा यादव, कुलपति डा. अंकुर शाह के अलावा वर पक्ष से निवर्तमान सांसद लल्लू सिंह, श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्रा, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, महंत शशिकांत दास, महंत राम अवतार दास, पुजारी रमेश दास, क्षेत्रीय पार्षद अंकित त्रिपाठी, विहिप संगठन मंत्री भोलेन्द्र, विभाग संयोजक वीरेश्वर वर्मा, जिला संयोजक प्रमाणिक कौशिक, विहिप मीडिया प्रभारी शरद शमां, तीर्थ क्षेत्र कार्यालय प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता, सुमधुर शास्त्री व आचार्य रमोज वत्स व नेपा नेपाल के विहिप प्रतिनिधियों सहित विभिन्न प्रदेशों से करीब तीन सौ श्रद्धालु मौजूद रहे।
अयोध्या में इन दिनों भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह को लेकर उत्सव जोर पकड़ रहा है. इस अद्भुत विवाह समारोह की तैयारियां जोरों पर है. पूरे शहर में एक त्योहार का माहौल है और हर साल की तरह इस बार भी 6 दिसंबर को हर्षोल्लास के साथ श्रीराम विवाहोत्सव अगहन पंचमी मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताएं हैं कि भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर हुआ था. विवाह पंचमी के मौके पर इस बार अयोध्या में रामलला भी अपने महल में विराजमान हैं ऐसे में यह उत्सव और भी खास हो जाता है. वहीं 18 नवंबर, सोमवार को भगवान का तिलकोत्सव हुआ. जिसका धूमधाम से आयोजन किया गया, जानकारी दे दें कि राम मंदिर के निर्माण के बाद ऐसा पहली दफा होगा जब भगवान राम का तिलक समारोह कराया गया.
भगवान श्री राम का भव्य तिलकोत्सव हुआ. जिसमें जनकपुर से सीता माता के परिवार के लोग और अतिथि शामिल हुए. आयोजन स्थल पर भव्य तैयारियां की गई थीं. प्रभु श्रीराम के इस तिलोकत्सव में पहली बार मां सीता के मायके जनकपुर से तिलकहरू तमाम नेगचार और परम्पराओं के साथ प्रभु श्रीराम का तिलक चढ़ाने अयोध्या आए. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान जानकी मन्दिर के छोटे महंत राम रोशन दास दुल्हन के भाई बने थे. यही नहीं दूल्हे के पिता की भूमिका में कोई और नहीं बल्कि खुद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय थे.
अयोध्या में वर पक्ष की ओर से विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज कर्ताधर्ता थे. यहां तक कि पूरे कार्यक्रम का संचालन भी उन्होंने ही किया था. तिलक के मौके पर गाए जाने वाले मंगलगीतों के लिए बड़ी संख्या में अयोध्या की महिलाएं जुटी थीं और खूब गाया. अवध क्षेत्र में होने वाले तिलकोत्सव के सभी लोकाचार विधि विधान से सम्पन्न किए गए. वधू पक्ष से इस हेतु हर आवश्यक सामग्री आई थी.
जनकपुर के जानकी मंदिर के महंत रामरोशन शरण नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह और इनके मंत्रिमंडल के चार सहयोगी. तीन तिलकहारु जोकि पहले ही जनकपुर से रवाना हो चुके हैं.  100×90 फीट लंबाई-चौड़ाई वाला मंच और भव्य पंडाल तिलकोत्सव के लिए रामसेवक पुरम में बनाया गया है. उत्सव में आने के लिए संतों, महंतों और गणमान्य को विशेष निमंत्रण दिया गया है. तिलक की रीतियां निभाई जाएंगी. सीता माता के भाई के रूप में जनकपुर के जानकी मंदिर के महंत रामरोशन शरण उत्सव में उपस्थित होंगे. तिलकोत्सव के अतिथियों को स्वादिष्ट भोजन कराया जाएगा. खाने में पूड़ी, सब्जी, चावल, रायता, पापड़ के अलवा मीठे में हलवा होगा. आलू टिक्की और पापड़ी चाट जैसे खानपान भी अतिथियों को परोसे जाएंगे. अयोध्या की महिलाएं पारंपरिक लोकगीत गाकर तिलकोत्सव को जिवंत करेंगी.  वहीं श्रीराम विवाह की बात करें तो 6 दिसंबर को अयोध्या से जनकपुर तक बारात निकलेगी. बारात के लिए विशेष तैयारियां भी की जाएंगी. चुनिंदा लोगों को ही बारात में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है.

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