भारत एक महान एवं विशाल देश है |इसमें अनेक राज्य है |विभिन्न राज्यों की विभिन्न भाषाएँ हैं ; किन्तु जो भाषा सम्पूर्ण राष्ट्र को एक स्नेह सूत्र में बांधती है वह हिंदी ही है| फादर कामिल बुल्के ने हिंदी भाषा को लेकर कहा था कि –“ संसार की कोई भी भाषा ऐसी नहीं है जो सरलता और अभिव्यक्ति की क्षमता में हिंदी की बराबरी कर सकें| इसकी लिखाई और उच्चारण में आश्चर्यजनक् अनुरूपता है, इसी कारण इसका लिखना और पढना सबसे आसान है |” महात्मा गाँधी की राय में –“ हिन्दुस्तान को अगर सचमुच एक स्वावलम्बी ,स्वाभिमानी राष्ट्र बनना है तो चाहे कोई माने या न माने राष्ट्र भाषा हिंदी ही बता सकती है |क्योंकि जो स्थान हिंदी को प्राप्त है , वह दूसरी भाषा को कभी नहीं मिल सकती |”
1800 ई में फोर्ट विलियम कोलेज की स्थापना हुयी |18 अगस्त 1800 में जोन गिल क्राइस्ट को हिन्दुस्तानी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त किया |यहाँ से हम कह सकते है कि हिंदी भाषा शिक्षण से रोज़गार की तरफ की यात्रा शुरू हो गयी |राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन की शुरुआत 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस की स्थापना से शुरू हो गयी थी|राष्ट्र निर्माण और भाषा निर्माण की प्रक्रिया समानांतर रूप से चल रही थी |अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी को शिक्षा,प्रशासन,न्याय आदि सभी क्षेत्रों में लागू करने की माँग होने लगा|स्वतंत्रता के साथ हिंदी का राष्ट्र भाषा,राज भाषा और सम्पर्क भाषा के रूप में विकास शुरू होता है |
हिंदी से रोज़गार मिलने की बात करें तो हिंदी के प्राथमिक शिक्षक से लेकर सहायक आचार्य,विश्व विद्यालय के कुलपति,हिंदी अधिकारी,राजभाषा अधिकारी आदि कई पद हिंदी के अध्येताओं के आगे खुला पड़ा है |
हिंदी भाषा से रोजगार
1. 1949 में हिंदी को राजभाषा का पद प्राप्त हुआ | तब से केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया | इस तरह कई पद हिंदी के सृजित किये गए | इनमें हिंदी अधिकारी,अनुवादक,प्रबंधक आदि पद प्रमुख रूप से आता है |केंद्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा अधिकारी का भी पद है |राष्ट्रपती भवन के कार्यालय में जूनियर राजभाषा अधिकारी का पद है |
2. मानव संसाधन विभाग में प्रशासनिक काम,नियुक्ति सम्बन्धी कार्य या प्रशासनिक सहायक के पद पर काम कर सकते है |
3. सरकारी कार्यालयों,संगठनों में अनुवादक,लिपिक आदि पद है |
4. हिंदी राजभाषा अधिकारी –रेलवे,हवाई अड्डा,बैंक,संसद,विधानसभा जैसे कई कार्यालयों में राजभाषा अधिकारी का पद है |
5. बैंक में हिंदी – बैंक द्वारा भारत सरकार प्रतिवर्ष कई कार्यक्रम करते हैं | भारत सरकार के निदेशानुसार राजभाषा के कार्यान्वयन में बैंक अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है | इस के लिए बैंक में राजभाषा अधिकारी का पद है | राजभाषा अधिकारी भारतीय केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी अनुवाद के अलावा राजभाषा हिंदी के अन्य कामकाज भी करते हैं | हिंदी दिवस,हिंदी पखवाड़ा आदि मनाना ,हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन करना ,गृह पत्रिका का संपादन करना,हिंदी तिमाही बैठकों का आयोजन,राजभाषा निरीक्षण आदि करना इनका काम है | राजभाषा अधिकारी बनने के लिए स्नातक स्तर पर एक विषय के रूप में अंग्रेजी के साथ हिंदी में स्नातकोत्तर उपाधी होनी चाहिए| अथवा स्नातक स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी के साथ संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधी होनी चाहिए| बैंकिंग कार्यों में हिंदी को बढ़ावा देने का काम ये करते है |
6. वित्तीय सेवायें –वित्तीय क्षेत्र में बैंक,वित्तीय सलाहकार या निवेश सलाहकार का पद है|
7. कम्पनियों में हिंदी पद – गेल इण्डिया,कोल इण्डिया आदि के कार्यालयों में हिंदी अधिकारी की नियुक्ती होती है |
8. अनुवादक के रूप में हिंदी से जुड़ कर काम कर सकते है |
9. साहित्य और कला -हिंदी कविता ,कहानी आदि लिख कर इस क्षेत्र में काम कर सकते है |
10. सर्जनात्मक लेखन और फिल्म समीक्षा आजकल एक सशक्त माध्यम है |
11. मीडिया और पत्रकारिता– हिंदी मीडिया ,टी.वी चैनलों और पत्र पत्रिकाओं में संवाददाता, समाचारवाचक , उप संपादक, संपादक एवं लेखक के रूप में काम कर सकते है |
12. स्वतंत्र लेखन – विभिन्न प्रकार के कंटेंट राइटिंग कर सकते है ; जैसे ब्लॉग, यु ट्यूब, ई अखबार, ई पत्रिकाएँ आदि का लेखन या संपादन
13. विज्ञापन के क्षेत्र में रोज़गार हिदी अंग्रेजी पर अच्छी संचार कौशल होने से इस क्षेत्र में काम पा सकते है | लेखन कला, चित्र कला, सिने कला और प्रकाशन प्रसारण कला आदि में दक्षता भाषा के साथ ज़रूरी है| मीडिया जगत चाहे प्रिंट मीडिया हो या इलक्ट्रोनिक मीडिया विज्ञापन हर कहीं छाया हुआ है |बारहवीं या स्नातक प्राप्त कर के इच्छुक व्यक्ति इस क्षेत्र में आ सकते है |
14. फिल्म उद्योग में – हिंदी सिनेमा ने अपना झंडा विश्व भर में लहराया है | फिल्म उद्योग में पटकथा लेखक, अनुवादक, गीत लेखक, फिल्म समीक्षक आदि पद है|
15. पर्यटन के क्षेत्र में ट्रेवल एजेंट और टूरिस्ट गाइड के रूप में कम कर सकते हैं |
16. प्रतिलिपी.कॉम जैसे बहु भाषी कम्पनी में भाषाओँ को जोड़ने का काम कर सकते है |
17. स्पीच राइटर –आपकी हिंदी बढिया है तो आप यह काम कर सकते हैं| विज्ञापन ,कोर्परेट सेक्टर आदि में भी यह नौकरी आपको मिल सकते है
18. विदेशों में हिन्दी से रोज़गार –विदेशियों के भी रोज़गार की भाषा के रूप में अब हिंदी का विकास हो रहा है | कई देशों में व्यापार,प्रबन्धन और वाणिज्य से जुड़े लोग अब हिंदी सीख रहे है | भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा पिछले कुछ सालों से बढती जा रही है | भारत के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए लोग हिंदी सीखना चाहते है | हंगरी,टुनिस ,उक्रेन,चीन,अमेरिका अदि जगहों की दूतावास में नियमित हिंदी की कक्षाएं होती है | हिंदी और भारतीय संस्कार सिखाने का अध्यापक वहाँ मौजूद है |
19. हिंदी अध्यापक – प्राथमिक शिक्षा से सम्बन्धित अध्यापक एक से पाँचवी तक के लिए है ;उन्हें सहायक शिक्षक या सहायक अध्यापक कहते है | माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 6-8 तक) देनेवाले अध्यापक | हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी ( कक्षा 9-12 तक )के अध्यापक व्याख्याता या वरिष्ठ अध्यापक कहलाते है| उच्च शिक्षा विभाग (महाविद्यालय) में सहायक आचार्य और आचार्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन करते हैं | सीधी भर्ती ,सहायक आचार्य पद के लिए होता है | वहाँ से पदोन्नति प्राप्त करके सह आचार्य और आचार्य बन जाते है | हाईस्कूल ,हायर सेकंडरी स्कूलों एवं महाविद्यालयों के संस्था प्रधान को प्राचार्य कहते है | हाई स्कूल के नीचे प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के संस्था प्रधान को प्रधानाध्यापक कहते है | केन्द्रीय विद्यालयों एवं नवोदय विद्यालय के प्राथमिक,माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों को क्रमशा: पी.आर.टी, टी.जी.टी एवं पी.जी.टी पद नाम दिए गए हैं |
संक्षेप में कहा जाए तो हिंदी भाषा शिक्षण से रोज़गार मिलने की बात सोचने से ही हम अचम्भे में पड़ जायेंगे कि कितने अनजाने क्षेत्र आजकल नज़र आ रहे है | कोई दस-बीस वर्ष पहले हिंदी विद्यार्थियों को जिनकी जानकारी तक नहीं थी उतनी सारी सम्भावनाएं हिंदी में आज सामने आ रहे है | मीडिया और फिल्मों ने हिंदी को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है |इसी कारण हिंदी राष्ट्रीय स्तर के अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक अपना साम्राज्य स्थापित कर चुकी है |
20. ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में विशेष रूचि रखनेवालों को निकट भविष्य में असीम रोज़गार आगे आनेवाला है | भारत सरकार ने मातृभाषा में सभी विषयों का अध्ययन करने का निर्णय ले चुका है | तदनुरूप अनुवाद करने के लिए अनुवादक ज़रूरी है |
इस प्रकार आज के दौर में हिंदी पढ़नेवालों के लिए एक स्वर्णिम भविष्य सामने है। |
डॉ.सूर्यबोस,श्रीरागम ,केरल sooryaranjith1977@gmail.com