काजीरंगा (असम), 04 अगस्त (हि.स.)। बाघ संरक्षण के मामले में असम के लिए अच्छी खबर है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एक सर्वेक्षण के अनुसार असम में वर्तमान में 227 बाघ हैं।
हर चार साल पर होने वाली बाघ गणना के आंकड़ों के अनुसार असम में बाघों की संख्या 2006 में 70 थी और 2022 के सर्वेक्षण में यह बढ़कर 227 हो गई है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के ताजा आंकड़ों से यह बात सामने आई है।
जानकारी के अनुसार असम के चार टाइगर रिजर्व में काजीरंगा टाइगर रिजर्व भी बाघ संरक्षण में सफलता हासिल करने में सफल रहा है। काजीरंगा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या वर्तमान संख्या 136 से बढकर 142 हो गई है। जिसमें काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, नगांव वन्यजीव प्रभाग के तहत लाओखोवा बूढ़ा चापरी और बागशेर रिजर्व फॉरेस्ट शामिल हैं।
हालांकि, काजीरंगा टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या पहले के 104 से 106 तक बढकर सीमित हो गई है। वन विभाग के अनुसार ऐसा बाघों के लिए पर्याप्त चराई भूमि की कमी के कारण है। ऐसी स्थिति में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या बढ़ने की संभावना नहीं है।
लेकिन, राष्ट्रीय उद्यान प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उद्यान के दक्षिणी हिस्से में कार्बी आंगलोंग में बाघ प्रजनन के लिए उपयुक्त वातावरण बनाए जाने पर बाघों की संख्या में और वृद्धि की संभावना व्यक्त की है।
उल्लेखनीय है कि बाघों की गणना आमतौर पर कैमरा ट्रैपिंग के माध्यम से की जाती है। हालांकि इस बार बाघ गणना प्रणाली में बदलाव की गई है। राष्ट्रीय उद्यान प्राधिकरण ने दावा किया है कि यदि राष्ट्रीय उद्यान के उत्तरी तट और चर-चापरियों पर उचित गणना की जाए तो बाघों की संख्या और बढ़ेगी।
