एमबीबीएस में प्रवेश से वंचित बराक घाटी के छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से मिले कृपानाथ माला, राजदीप ग्वाला और कृष्णेंदु पाल

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एमबीबीएस में प्रवेश से वंचित बराक घाटी के छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से मिले कृपानाथ माला, राजदीप ग्वाला और कृष्णेंदु पाल

बराक घाटी के कई छात्र जिन्हें एमबीबीएस के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में चाय जनगोष्टी के कोटा से चुना गया था, ब्रह्मपुत्र घाटी की एक छात्र संस्था की आपत्ति पर उनका प्रवेश स्वास्थ्य विभाग ने रद्द कर दिया है, उन छात्रों को न्याय दिलाने के लिए आज करीमगंज के सांसद कृपानाथ माला, पाथरकांदी के विधायक कृष्णेंदु पाल और लखीपुर के पूर्व विधायक राजदीप ग्वाला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला और उन्हें एक पत्र प्रदान किया।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि 150- 200 साल पहले इन छात्रों के पूर्वज चाय बागान में काम करने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के विभिन्न भागों से आसाम आए थे‌‌। उनके परिश्रम, बलिदान और खून पसीने से आज असम का दुनिया में चाय के लिए नाम है।इसलिए सरकार ने ओबीसी कोटे के तहत चाय जनगोष्टी के छात्रों के लिए आरक्षण दिया है किंतु ब्रह्मपुत्र घाटी की एक संस्था हर साल आपत्ति करती है और बराक घाटी के छात्रों को भुगतना पड़ता है। बराक घाटी के चाय जनगोष्ठी के इन छात्रों से हुए अन्याय को लेकर जनता में काफी क्षोभ है।

शिलचर में भाजपा द्वारा आयोजित प्रबुद्ध वर्ग के साथ संवाद में राष्ट्रभाषा एवं चाय जनगोष्ठी उन्नयन मंच के मुख्य संयोजक दिलीप कुमार ने भी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंगलदई के सांसद दिलीप सैकिया के समक्ष यह विषय उठाया था और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की थी। इस विषय पर चाय जनगोष्टी से जुड़ी संस्थाओं में आक्रोश है और यदि जल्दी ही उन छात्रों को मेडिकल में एडमिशन नहीं मिला तो बराक घाटी में एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल के तरफ से प्रतिनिधिमंडल को बहुत ही सकारात्मक आश्वासन मिला और उन्होने उच्च अधिकारियों को तत्काल जांच के आदेश दियें, जिससे उन बंचित विद्यार्थियों को उचित न्याय मिले। प्रतिनिधिमंडल में चाय जनजाति उन्नयन परिषद की ओर से सुदीप ग्वाला, सूरज कानू, श्रीमती रानी चौहान तथा पीड़ित छात्रों के परिजन भी शामिल थे।

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