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कैसे आदमी का विश्वास जीतकर उसे ठगते हैं साइबर अपराधी? -दिलीप कुमार

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+919699876041 आज मुझे अपराह्न 3.07 पर इस मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम कपिल मिश्रा बताया और बोला कि दिल्ली से फोन कर रहे हैं। उन्होंने बोला कि मेरी अपील उन्होंने ट्विटर पर पढ़ी है और वे हमारी मदद करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वह यूट्यूबर है, वीडियो बनाकर डालते हैं और लोगों का हेल्प करते हैं। मुझे विश्वास में लेने के लिए उन्होंने मेरे अकाउंट में₹1 भेजा और कहा कि उन लोगों का ग्रुप है, वह सभी लोग हमको मदद करेंगे, मुझे बोला आधे घंटे बाद फोन करेगा।

कैसे आदमी का विश्वास जीतकर उसे ठगते हैं साइबर अपराधी? दिलीप कुमार
कैसे आदमी का विश्वास जीतकर उसे ठगते हैं साइबर अपराधी? दिलीप कुमार

अपराह्न 3.55 पर दुबारा फोन आया, फिर बोला आवाज साफ नहीं आ रही है, आप फोन करिए। फिर मैंने फोन लगाया, उसने कहां बाकी दोस्तों को कांफ्रेंस में लेते हैं। पांच लोग हैं, 5-5 हजार मिलाकर ₹25000 भेजेंगे फिर मेरे साथ बात करते रहे, बात करते-करते उन्होंने क्यूं आर कोड भेजा और बोला इसको स्कैन करिए। मैं समझ गया यह लोग फ्रॉड है और मेरे अकाउंट से पैसा चुराना चाहते हैं। मैंने बोला मुझे बेवकूफ समझते हो क्या मैं क्यों स्कैन करूं पेमेंट करने वाला स्कैन करता है रिसीव करने वाले को कुछ नहीं करना पड़ता है उन्होंने मुझे समझने की कोशिश किया लेकिन मैं सुनिश्चित कर चुका था कि ये साइबर क्रिमिनल है। इसलिए मैंने उनसे बातचीत बंद कर दिया।

कैसे आदमी का विश्वास जीतकर उसे ठगते हैं साइबर अपराधी? दिलीप कुमार
कैसे आदमी का विश्वास जीतकर उसे ठगते हैं साइबर अपराधी? दिलीप कुमार

उनका पहला झूठ मैं तब पकड़ा जब उन्होंने बताया कि वह दिल्ली से बोल रहे हैं जबकि मैं इधर से फोन मिलाया तो उधर से मराठी में आवाज आ रही थी अर्थात वो दिल्ली में नहीं थे। मेरा शक पक्का तब हो गया जब उसने अपने साथी को कहा कि इनको 25000 का स्कैनर बनाकर भेज दो। और लंबी बातचीत के बाद जब उन्होंने कर कोड भेजा तो मैं निश्चित हो गया कि यह मदद करने वाले नहीं लूटने वाले लोग हैं। भोले भाले लोगों को अपनी मीठी-मीठी बातों से जल में फंसा कर अकाउंट खाली करते हैं। मेरे पास चार प्रमाण है, उनके बातचीत की रिकॉर्डिंग, उनका मोबाइल नंबर, उनका यूपीआई आईडी और उनका भेजा हुआ स्कैनर। मैं तत्काल ऑनलाइन साइबर क्राइम की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करने की कोशिश की लेकिन वह बार-बार बोलता रहा की स्पेशल करैक्टर अलाउड नहीं है जबकि मैंने स्पेशल कैरक्टर डाला ही नहीं। फिर मैं 1930 पर फोन करके शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां का रिस्पांस भी कुछ खास नहीं था। मेरे अकाउंट से रुपया नहीं गया, यह सुनने के बाद शिकायत दर्ज करने में उधर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। जब मैंने कहा कि मेरा शिकायत दर्ज कीजिए तो बोला हो गया। मैंने बोला कोई डिटेल चाहिए, बोला दीजिए। मैं बोला क्या क्या दूं, मोबाइल नंबर दूं, बोला हां, मोबाइल नंबर दे दीजिए हो जाएगा। बस उन्होंने केवल मोबाइल नंबर लिया।

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पाठकों से अपील है कि किसी भी प्रकार के अनजाने फोन पर विश्वास न करें, अनजाने लिंक पर क्लिक नहीं करें, ओटीपी हरगिज शेयर ना करें, क्यूआर कोड भेजने से उसे स्कैन करने से बचें। कई बार मोबाइल हैक करके वह लोग सारा डिटेल चुरा लेते हैं फिर कब आपका अकाउंट खाली हो जाएगा पता नहीं चलेगा। ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई ट्रांजैक्शन में सतर्कता बरतें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने के बाद से साइबर अपराधियों की चांदी हो गई है, लोगों को आसानी से मूर्ख बना लेते हैं। वीडियो क्लोनिंग हो जाती है, आवाज की कॉपी हो जाती है। बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, वैज्ञानिक ठगे जा रहे हैं। बचने के लिए सावधानी ही उपाय है एक बार अकाउंट से पैसा निकल गया फिर उसे वापस पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

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