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खादी ग्रामोद्योग आयोग,शिलांग केंद्र ने अपने कार्यालय में कर्मचारियों के लिए हिंदी भाषा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ.आलोक सिंह उपस्थित रहे साथ ही साथ खादी ग्रामोद्योग आयोग,शिलांग केंद्र के प्रभारी निदेशक श्री राम सुरेश,वरिष्ठ अधिकारी श्री डी.के.श्रीवास्तव, कार्यकारी अधिकारी श्री प्रणीत कुमार मेहता भी उपस्थित रहे।मुख्य वक्ता ने हिंदी महत्व के लेकर अपने विचार को प्रस्तुत करते हुए कहा कि – हिंदी भाषा हम सभी के भावों और संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है।हिंदी की सरलता,वैज्ञानिकता और स्वीकारिता को ही ध्यान में रखकर अधिकतर अहिन्दी भाषियों ने इसे राजभाषा बनाने की मांग की थी।इसीलिए 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान के निर्माण करने वाले लोगों ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया था।हम सभी को जो भी टूटी फूटी रूप में हिंदी बोलने और लिखने का अभ्यास करते रहना चाहिए।मुख्य वक्ता के बाद प्रभारी निदेशक श्री राम सुरेश ने कहा कि – हम सभी भाषा भाषी लोगों को हिंदी ही जोड़ने का काम करती है तो हम सभी का कर्त्तव्य भी होना चाहिए कि हम हिंदी भाषा को आगे बढ़ाएं।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिकारी श्री डी.के.श्रीवास्तव ने किया।