सूरत. गुजरात के सूरत में रेल की पटरियों के साथ छेड़छाड़ की गई थी. शनिवार को सूरत के किम में ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई. हालांकि 3 दिन के भीतर पुलिस ने इस केस की गुत्थी सुलझा ली है. रेल के ही 3 कर्मचारियों ने यह पूरा खेल रचा था. शाबाशी हासिल करने के लिए उन्होंने रेल की पटरियों से छेड़छाड़ की, उसकी फोटो और वीडियो बनाने के बाद पटरियां फिर से ठीक कर दी गईं. इसके लिए तीनों कर्मचारियों की वाहवाही भी हुई. मगर सोमवार को पुलिस ने तीनों की पोल खोल दी.
ये हैं तीनों आरोपी
पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. सुभाष पोद्दार और मनीष मिस्त्री ट्रैकमैन हैं, तो वहीं तीसरा आरोपी शुभम जायसवाल कॉन्ट्रैक्ट वर्कर है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुभाष पोद्दार बिहार के भागलपुर का रहने वाला है. वो रेलवे में पिछले 9 साल से काम कर रहा है. वहीं मनीष मिस्त्री का ताल्लुक पटना से है. साथ ही शुभम जायसवाल उत्तर प्रदेश के चंदौली का रहने वाला है. तीनों आरोपी किम में कार्यरत थे.
पुलिस को हुआ शक
पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. शनिवार को रेलवे ट्रैक की शिकायत दर्ज करवाते हुए तीनों आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि सुबह करीब 5.15 बजे उन्होंने कुछ लोगों को पटरियों पर भागते देखा. जब उन्होंने छानबीन की तो पता चला कि किम और कोसांबा गांव के बीच रेलवे ट्रैक की 71 क्लिपें निकाली गई हैं. साथ ही तो फिश प्लेट्स भी गायब हैं. उन्होंने 25 मिनट के भीतर सारी क्लिप और प्लेट्स को वापस लगा दिया.
ऐसे खुली इन कर्मचारियों की पोल
तीनों का बयान सुनने के बाद पुलिस को उन पर शक हुआ. रेलवे ट्रैक से गुम हुई 71 क्लिपें और 2 फिश प्लेट्स को 25 मिनट में कैसे लगाया जा सकता है? पुलिस ने तीनों के फोन की तलाशी ली. इस फोन में क्लिप निकालते हुए वीडियो और फोटो मौजूद थे. इससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया. तीनों आरोपियों ने 2-5 बजे के बीच साजिश का वीडियो बनवाया था. इसी खुलासे के साथ पुलिस ने यह केस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को सौंप दी है.