बाँस के अस्थायी अवरोध नहीं, पक्की व्यवस्था की जरूरत: स्थानीय लोगों की स्पष्ट आपत्ति
जयपुर, काछाड़ 9 जून:
जयपुर के कनकपुर इलाके में बढ़ते नदी कटाव को लेकर स्थानीय लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है। ग्रामीणों ने अस्थायी रूप से बाँस के अवरोध बनाकर कटाव रोकने की कोशिश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्थायी समाधान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
जयपुर-बालाधन समेत कई गांवों से होकर गुजरने वाला यह मार्ग हजारों लोगों के आवागमन का एकमात्र जरिया है। जयपुर बाज़ार के नजदीक कनेकपुर इलाके में नदी का कटाव अब मुख्य पथ को निगलने की कगार पर है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से नदी कटाव की समस्या बनी हुई है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से ही स्थायी समाधान की मांग की जाती रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस बार भारी बारिश के कारण कटाव और तेज हो गया है, जिससे लोक निर्माण विभाग की सड़क और अधिक खतरे में पड़ गई है।
प्रभावित क्षेत्र में जब विभागीय अधिकारियों ने अस्थायी रूप से बाँस के अवरोध लगाकर कटाव रोकने का प्रयास शुरू किया, तो ग्रामीणों ने विरोध करते हुए काम बंद करवाया। लोगों का कहना है कि बाँस की अवरोधक संरचनाएं महज़ दिखावा हैं और इससे समस्या का समाधान नहीं होगा।
स्थानीय निवासी देवू गुप्ता, अमिय आचार्य, संजीव दास, वरुण ब्यक्ति, मयना दास और मिलन दास समेत कई अन्य लोगों ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कटाव के कारण हर साल सड़क का बड़ा हिस्सा नदी में समा जाता है, जिससे सड़क निर्माण के लिए लोगों को अपनी निजी जमीन देनी पड़ती है।
“अगर हर बार हम अपनी ज़मीन सड़क के लिए देते रहेंगे, तो अंततः हमारे पास बचेगा ही क्या?”—इस सवाल के साथ लोगों ने चेताया कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक अस्थायी उपायों को वे स्वीकार नहीं करेंगे।
ग्रामीणों ने मंत्री कौशिक रॉय और विभागीय अधिकारियों से अपील की है कि वे शीघ्र हस्तक्षेप कर इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित करें।