35 Views
अनिल/रांची 24 नवंबर: झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की पूरी फौज उतारी । जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सहित दर्जनों स्टार प्रचारक आये। लेकिन मतदाताओं इनका जादू पर नहीं चल पाया ।वहीं इंडिया गठबंधन के स्टार कैंपेनर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन थे। इन्होंने एक सौ से ज्यादा सभाएं और रोड शो किये। हेमंत सोरेन और कल्पना की जोड़ी इन पर भारी पड़ी।झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह चुनावी सभाओं के साथ रांची में रोड शो किया। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक दर्जन से अधिक चुनावी सभाएं किया। लेकिन कोई काम नहीं आया।असम के मुख्यमंत्री और झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी हेमंत विश्व सरमा ने तो पिछले छह महीने से यहां बंगलादेशी घुसपैठ को लेकर पूरी तरह से हेमंत सोरेन को घेरते रहे। लेकिन आदिवासी मतदाताओं ने हेमंत विश्व सरमा की जगह अपने हेमंत सोरेन को ज्यादा तवज्जो देकर उन्हें पूर्ण बहुमत देकर पुनः सत्ता में काबिज कराने में ही अपना विश्वास रखने में ही अपने राज्य को सुरक्षित रखा।
भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों ने किये 18 दिनों में 185 चुनावी सभा: एक नवंबर से 18 नवंबर के बीच एनडीए घटक दलों के स्टार प्रचारकों ने विजय झारखंड के अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरे राज्य में इन 18 दिनों में 185 चुनावी सभाओं में इन स्टार प्रचारकों ने हिस्सा लिया। इसमें भाजपा व एनडीए के स्टार प्रचारक, पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। इसके बावजूद पिछले चुनाव की तुलना में सीट घट गयी। पिछले विस चुनाव में भाजपा को 25 सीटें मिली थीं।जो घट कर 21 सीटों पर सिमट कर रह गयी।
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों के कंधे में था प्रचार का जिम्मा जिसमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने 6, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25, हिमंता विश्वा सरमा ने 38, राजनाथ सिंह ने सात, धर्मेंद्र प्रधान ने 4, जुएल ओराम ने 7 एवं योगी आदित्यनाथ ने 13 सभाओं को संबोधित किया। चुनाव प्रचार के दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 2, झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 15, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने 6, चंपाई सोरेन ने 23, मोहन चरण मांझी ने दो, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने 5, मनोज तिवारी ने 2, दिनेश लाल निरहुआ ने 2, अनिल एंटोनी ने 2 और चिराग पासवान ने 8 सभाएं किया। लेकिन झारखंड के मतदाताओं ने इन्हें धुल चटा दिया।
आजसू की प्रत्याशियों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने प्रचार किया था।
चुनाव के लिए काफी हॉट सीट माने जाने वाले डुमरी में खुद गृह मंत्री अमित शाह ने सभा को संबोधित किया। यहां हिमंता विश्वा सरमा ने भी प्रचार किया।सिल्ली में भी हिमंता गये। लोहरदगा सीट के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सभा किया। वहीं जदयू के प्रत्याशी दो सीट जमशेदपुर पश्चिमी व बुंडू से लड़ रहे थे। जमशेदपुर पश्चिमी जदयू के खाते में गयी। यहां प्रचार खुद प्रत्याशी सरयू राय करते रहे।
हर पार्टी की डिमांड में थे हेमंत और कल्पना
हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए तो प्रचार कर ही रहे थे। वहीं सहयोगी दल कांग्रेस, राजद और माले में भी इनकी ही डिमांड थी। हर प्रत्याशी चाहता था कि उनके लिए ये दोनों ही प्रचार करने आये। जहां तक संभव हो सका, दोनों ने सहयोगी दलों को समय दिया। हेमंत सोरेन की तबीयत लगातार खराब होने के बाबजूद चुनाव को लेकर वह हर सभा करते रहे। कई बार तो उन्हें दौड़ते हुए हेलीकॉप्टर तक जाते और हेलीकॉप्टर से सभा स्थल तक आते लोगों ने देखा।
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर दुनिया के सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि लोकसभा चुनाव के पहले और बाद में असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा और मघ्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो बंग्लादेशी घुसपैठी को लेकर एक व्यापक अभियान भी चलाया। लेकिन आदिवासी मतदाताओं ने फिर से हेमंत सोरेन पर ही अपना विश्वास कर भारतीय जनता पार्टी के चौतरफा हमले के बाबजूद उन्हें पुनः सरकार बनाने के लिए अपने मतों का प्रयोग कर झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का फैसला किया।