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डलू में लैंड रिक्युजिशन एक्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया गया – अनंत पटेल

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विशेष प्रतिनिधि गौहाटी, 16 मई: ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए डलू चाय बागान की जमीन अधिग्रहण करने में प्रशासन ने लैंड रिक्युजिशन एक्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया है। चाय बागान के मालिकाना को लेकर पहले से ही कोर्ट में केस पेंडिंग है, ऐसे में जो समझौता किया गया है, वह अवैध है। बिना किसी नोटिफिकेशन के जमीन कैसे अधिग्रहित की गई। यह कहना है डलू चाय बागान के मूल मालिक अनंत पटेल का। हमारे प्रतिनिधि से दूरभाष के द्वारा हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि डंकन टी कंपनी से 1965 में स्वर्गीय राम भाई पटेल डलू चाय बागान खरीदा था। डलू चाय बागान की फैक्ट्री पृथ्वी टी कंपनी को 2008 में लीज पर दी गई थी। वो लीज हमने 2010 में कैंसिल कर दिया। लेकिन पृथ्वी टी कंपनी ने पूरा बागान कब्जा कर लिया और ईस्टर्न टी कंपनी को दे दिया। इस अवैध कब्जे के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा पेंडिंग हैं। ईस्टर्न टी कंपनी का उद्देश्य सरकार से मुआवजे की रकम लेकर भागना है।


अनंत पटेल की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए जिलाधिकारी श्रीमती कीर्ति जाल्ली ने कहा कि प्रशासन ने प्रक्रिया पूरी करके ही ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया है।
इस बारे में डलु टी कंपनी के प्रबंधक सुप्रिय सिकदार ने अनंत पटेल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी लीगल डाक्यूमेंट्स सरकार के पास जमा है। इस बारे में कोई केस पेंडिंग नहीं है। डलू चाय बागान के ऊपर उन लोगों का कोई हक नहीं है। डलू बागान अच्छे से चल रहा है, सभी श्रमिक काम कर रहे हैं, बागान में कोई समस्या नहीं है।
इस बारे में बराक चाय श्रमिक यूनियन के सचिव राजदीप ग्वाला से पूछे जाने पर उन्होंने मालिकाना संबंधी विवाद के बारे में अनभिज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि पटेल जी ने इस बारे में यूनियन के साथ कभी संपर्क नहीं किया।


लेकिन अनंत पटेल का बार-बार कहना है कि अगर उन्होंने प्रक्रिया पूरी की तो नोटिफिकेशन कहां है दिखाइए? जब महा सड़क के लिए 2004 में जमीन अधिग्रहण किया गया था तो नोटिफिकेशन किया गया था। उन्होंने कहा कि डीसी ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर अथवा मीडिया के माध्यम से कहीं नोटिफिकेशन किया गया है तो उन्हें बताया जाए। इसके लिए उन्होंने अपने वकील द्वारा जिलाधिकारी काछाड़, अतिरिक्त जिलाधिकारी लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट और असिस्टेंट लेबर कमिश्नर को 6 मई 2022 को स्टेट्यूटरी नोटिस भी भेजा है। बिना किसी सूचना के अवैध रूप से जमीन अधिग्रहण किया गया है। इसके खिलाफ वे न्यायालय से स्थगितादेश लेने का भी प्रयास कर रहे हैं।


उन्होंने ईस्टर्न टी कंपनी के मालिक शंकरलाल अजीतसरिया तथा उनके पुत्र नमन अजीतसरिया के ऊपर दीपक चक्रवर्ती के साथ मिलकर बागान हड़पने की साजिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत उन्हें डलु से बेदखल किया गया और अब बागान को बर्बाद करके मुआवजे की रकम लेकर ये लोग भागना चाहते हैं। जमीन अधिग्रहण के खिलाफ उन्होंने जनवरी में भी जिलाधिकारी को नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि डलू चाय बागान में नए प्लांटेशन के लिए कोई जगह नहीं है, अभी 24 लाख केजी चाय का उत्पादन होता था जो एयरपोर्ट बनने के बाद 8 लाख केजी हो जाएगा। लाल बाग और मैंनागढ़ के श्रमिकों के लिए बगल में कोई काम नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि जनता को झूठे तथ्य देकर गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डलू चाय बागान का इल्ड बहुत अच्छा था। अब डलू चाय बागान के लिए इतने श्रमिकों को रोजगार दे पा ना संभव नहीं होगा।


इस बारे में बराक चाय श्रमिक यूनियन के सचिव राजदीप ग्वाला से पूछे जाने पर उन्होंने मालिकाना संबंधी विवाद के बारे में अनभिज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि पटेल जी ने इस बारे में यूनियन के साथ कभी संपर्क नहीं किया।
डलू चाय बागान के मूल मालिक से हुई टेलीफोनिक बातचीत और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर उपरोक्त जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।

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