गुवाहाटी, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज देरगांव स्थित लाचित बरफूकन पुलिस अकादमी में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में असम वन सुरक्षा बल की पासिंग आउट परेड में भाग लिया। उन्होंने कहा कि 940 नए कांस्टेबलों के शामिल होने से असम के वन सुरक्षा बल की ताकत में 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
नए भर्ती होने वाले जवानों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि पासिंग आउट परेड भर्ती होने वाले जवानों के लिए गर्व और उपलब्धि का क्षण है। शारीरिक और मानसिक क्षमता हासिल करने के लिए कठोर प्रशिक्षण से गुजरने के बाद, नए कांस्टेबल राज्य की संपत्ति बन गए हैं। राज्य के कई स्थानों पर प्रशिक्षण लेने के बाद इन नए भर्ती हुए जवानों ने पुलिस अकादमी में उन्नत प्रेरण प्रशिक्षण के साथ अपने प्रशिक्षण का समापन किया।
नए कांस्टेबलों की भर्ती के साथ, नई उपलब्धि हासिल हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त संख्या में महिला नियुक्तियों के साथ, नए रंगरूटों को अतिक्रमणकारियों और शिकारियों से लड़ने के लिए पर्याप्त अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में कुल वन क्षेत्र 26,832 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रों का 34.21 प्रतिशत है। सात राष्ट्रीय उद्यानों और 17 वन्यजीव अभयारण्यों के साथ, असम जैव विविधता के साथ अपने अद्वितीय वन्य जीवन से धन्य है। इन वन्यजीव संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में वन सुरक्षा बलों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पहला असम वन सुरक्षा बल वर्ष 1984 में स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि चूंकि असम की वन भूमि का बड़ा क्षेत्र अंतर-राज्यीय सीमाओं को साझा करता है, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए अधिक बलों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वन सुरक्षा बलों को उन विरोधी ताकतों के खिलाफ निवारक के रूप में काम करना चाहिए जो वन संसाधनों को नुकसान पहुंचाने पर तुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि नई भर्तियां वन सुरक्षा बलों को न केवल वन संसाधनों की रक्षा और संरक्षण के लिए सशक्त बनाएंगी, बल्कि वे राज्य की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने में भी सहायक होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार के विभागों में सभी भर्तियां बहुत पारदर्शी तरीके से हुई हैं, जहां सभी सक्षम छात्र अपनी योग्यता के आधार पर नौकरी पाने में सक्षम हुए हैं। नौकरी देने में अनुचित व्यवहार के लिए एपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और सदस्यों को कारावास की सजा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सजा इस बात का संकेत है कि असम ने ईमानदारी और पारदर्शिता के एक नए युग में प्रवेश किया है। अब ये नियुक्तियां, जो विशुद्ध योग्यता और पारदर्शिता का प्रमाण हैं, ने युवाओं में व्यवस्था के प्रति विश्वास और भरोसा पैदा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले फरवरी तक छह सौ वन सुरक्षा बलों की और भर्ती की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि लचित बरफूकन पुलिस अकादमी के नए भवन का अक्टूबर महीने में लोकार्पण किया जाएगा।
इस अवसर पर पर्यावरण एवं वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी, कृषि मंत्री अतुल बोरा, विधायक तरंग गोगोई और भाबेंद्र नाथ भराली, डीजीपी जीपी सिंह, गृह एवं राजनीतिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके तिवारी, विशेष मुख्य सचिव (वन) एमके यादव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।