दुमदुमा प्रेरणा भारती 10 अगस्त : –हाल ही में तिनसुकिया जिला के सैखोवाघाट (धौला) में मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा और बाबा रामदेव ने पाम ऑयल खेती का शुभारंभ किया था। उस पर आपत्ति जताते हुए तिनसुकिया जिला लघु चाय किसान संघ (टीडीएसए) ने आज दुमदुमा के जोगेंद्र नाथ डेका पर स्थित अपने कार्यालय में स्थानीय पत्रकारों के समक्ष अपना पुर जोर विरोध प्रकट किया। जिला सभापति मोहम्मद आमीन और सचिव अजीत गोगोई ने कहा कि दशकों से चाय की खेती करके आत्मनिर्भर रहे छोटे चाय किसानों को सरकार द्वारा बिना किसी सहायता के राज्य में पाम तेल की खेती शुरू करना अस्वीकार्य है ।और उन्होंने जिले में किसी भी छोटे चाय किसान को पाम ऑयल कि खेती न करने की धमकी दी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि तिनसुकिया जिले में पाम तेल की खेती की अनुमति नहीं दी जाएगी। असम के सीएम ने रामदेव की पतंजलि की खेती ऐसे समय में शुरू की है जब इंडोनेशिया और मलेशिया के साथ-साथ त्रिपुरा और मिजोरम जैसे पड़ोसी राज्यों ने अस्वीकार्य परिणामों के कारण खेती पर प्रतिबंध लगा दिया है। संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि किसान इस कदम का समर्थन नहीं करेंगे। उन्हें संदेह व्यक्त किया है कि यदि पाम तेल की खेती की गई तो असम का भविष्य रेगिस्तान बन जाएगा। उन्होंने जिले के छोटे चाय उत्पादक किसानों से आग्रह किया कि वे किसी भी लालच में आकर पाम ऑयल की खेती से न जुड़ें और इससे परहेज करें । उन्होंने असम सरकार से छोटे चाय किसानों को पाम तेल की खेती के बजाय चाय की खेती में सहायता करने का आग्रह किया।
