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नया साल आया, नई राहें खुली,
एक नई शुरुआत, नए सपने बुनी।
पुराने पन्ने पलटे, नए अध्याय शुरू,
नई उमंगें, नई आशाएं, नई राहें चुनी।
नई राहों पर चलने की हिम्मत बढ़ी,
नए सपनों को पूरा करने की ताकत बढ़ी।
पुराने डर भुलाए, नई चुनौतियों का सामना किया,
नई राहों पर चलने का साहस बढ़ा।
नया साल आया, नई राहें खुली,
एक नई शुरुआत, नए सपने बुनी।
हम नई राहों पर चलेंगे, नए सपने देखेंगे,
और नई ऊंचाइयों को छूएंगे।
इस नए साल में
हम नई राहों को चुनेंगे ।
स्वरचित रचना :-
बिनीता बुखरेडिया
शिवसागर ( असम )