असम के जानेमाने शिल्पी, साहित्यकार, नाटककार, ग्रंथकार, कवि तथा असम के चलचित्र जगत के जनक रुपकोंवर ज्योति प्रसाद अग्रवाला के पूण्य तिथि पर शिल्पी दिवस पालन किया गया। राज्य के अन्य क्षेत्रों की तरह बरपेटा के पालहाजी में जिला साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में तथा इंडियन जर्नलिस्ट एशोसियेशन, आदर्श एकेडेमी पालहाजी, पालहाजी साहित्य शाखा के सहयोग से पालन किया गया। इस शिल्पी दिवस का सभापतित्व शेख रहमत उल्लाह ने किया। इस अवसर पर जिला साहित्य सम्मेलन के सचिव लखी पाठक, बरपेटा विधायक गुणिन्दर दास, योगाचार्य गौरीकांत ब्रहम, सम्मेलन के केन्द्रीय सदस्य सैईफुद्दीन आहमद, इंडियन जर्नलिस्ट एशोसियेशन के जिला कार्यवाहक आजिजूल हक के अलावा और भी गणमान्य पत्रकार और सांस्कृति प्रेमी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित बरपेटा फखरूद्दिन अली आहमद मेमोरियल चिकित्सालय कालेज के के अध्यक्ष सनोवर हुसैन उपस्थित रहे। उन्होने अपने वय्कतवय मे कहा कि जिस स्थान पर साहित्य -संस्कृति रक्षा की चेतना नही होती, वहाँ पर अस्वभाविक हिसाँ पसर जाती है। कुछ राजनीति लोलुप अपने निजी स्वार्थ के लिए साहित्य -संस्कृति को भी राजनीतिक रंग देने पर तूले है, जो समाज के लिए एक अशुभ लक्षण है। Bhaskar Majhi BPRD