शिलचर स्थित ईटखोला ईदगाह मैदान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी केंद्रीय रूप से ईद की नमाज़ अदा की गई। यह मैदान केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शहर की सौहार्द और एकता का प्रतीक भी है।
बराक उपत्यका के हम फोटो-पत्रकार, वर्षों से अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करते हुए, इस पावन अवसर पर प्रतिवर्ष उपस्थित रहते हैं और वहां आयोजित ईद-उल-फितर तथा ईद-उल-अज़हा की नमाज़ के दृश्य अपने कैमरे में कैद कर समाचार माध्यमों तक पहुँचाते हैं।
किन्तु, अत्यंत खेद के साथ हमें यह सूचित करना पड़ रहा है कि गत ईद-उल-फितर के दिन, ईटखोला ईदगाह में स्वयं को वहाँ का ‘शीर्ष पदाधिकारी’ बताने वाले एक व्यक्ति – जनाब आबूब मज़ूमदार – ने वहाँ उपस्थित पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया। उनका व्यवहार न केवल असम्मानजनक था, बल्कि हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाने वाला भी था।
हमने तत्क्षण ही इस घटना की सूचना शिलचर प्रेस क्लब को दी। प्रेस क्लब ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए अगले ही दिन शिलचर की बड़ी मस्जिद कमेटी सहित संबंधित पक्षों को इस घटना से अवगत कराया। परंतु, दुर्भाग्यवश अब तक इस विषय पर कोई समाधान या जवाब सामने नहीं आया है, जो अत्यंत निराशाजनक है।
इस उपेक्षा और असम्मानजनक व्यवहार के कारण, हम इस वर्ष ईद-उल-अज़हा की नमाज़ को कवर करने ईटखोला ईदगाह नहीं गए। इसके परिणामस्वरूप, इस केंद्रीय ईदगाह से संबंधित कोई भी समाचार, तस्वीर अथवा जानकारी इस बार किसी भी समाचार माध्यम में प्रकाशित नहीं हो पाई।
हम इस परिस्थिति के लिए बराक उपत्यका के समस्त इस्लाम धर्मावलंबियों से खेद प्रकट करते हैं। हमारी यह प्रतिक्रिया किसी धर्म या समुदाय के विरुद्ध नहीं है, बल्कि यह हमारे पेशेवर सम्मान की रक्षा हेतु एक शांतिपूर्ण विरोध है।
हम आशा करते हैं कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं पुनः न घटें और पत्रकारों को उनके दायित्व निर्वहन में सहयोग प्रदान किया जाए।
बराक उपत्यका चित्र पत्रकार संघ, शिलचर के अध्यक्ष
हिमांशु दे और सचिव सुदीप सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में वक्तव्य जारी किया।