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केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा गठित परिसीमन आयोग का प्रारूप सूची विगत 20 जून को जारी होने के बाद से बराक घाटी के चाय बागानों में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रहा है। आज इसी सिलसिले में “असम टी एंड एक्स टी पीपल्स फोरम” के अध्यक्ष लक्ष्मीनिवास कलवार के नेतृत्व में शिलचर के खुदीराम बोस प्रतिमा स्थल पर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बराक घाटी के तीनों जिलों से प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उपस्थित सभी व्यक्तियों ने प्रस्तावित परिसीमन सूची मे कटलीचेरा, राताबाड़ी व पाथरकंडी आदि चाय जनगोष्ठीबहुल सीटो का विलोपन तथा तीतर बितर करने का कठोर शब्दों में निंदा किया।
इस विषय पर फोरम के अध्यक्ष लक्ष्मीनिवास कलवार ने कहा कि इस परिसीमन सूची अगर लागू होता है तो बराक घाटी में चाय बागान बहुल विधानसभा क्षेत्र को संकुचित कर चाय जन गोष्ठी को राजनीतिक अधिकार तथा प्रतिनिधित्व से वंचित करेगा। यानी बराक घाटी के चाय बागान समुदाय की बहुलता वाले क्षेत्रों को ऐसे परिकल्पित प्रक्रिया से अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में बांटा गया है कि प्रस्तावित तेरह विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग किसी भी विधानसभा में चाय जन समुदाय निर्णायक फैक्टर के रुप में नहीं रहेगा। असम में खासकर बराक घाटी में लगभग दो सौ साल से यहाँ स्थायी रूप निवास करके और अपने खून पसीने से इस बराक घाटी को सींचने वाले व चाय उत्पादन मे निस्तब्ध बिप्लब लाने वाले जनसमुदाय को राजनीतिक स्तर से हासिए पर धकेलने के इस कुत्सित प्रयास के विरुद्ध आवाज बुलंद करना समय की मांग है। श्री कलवार ने और कहा कि सदियों से वंचित जनसमुदाय अब जाग गया है इसलिए वह अब और वंचना सहन नहीं करेगा। नीरव से सरब यह चाय जनगोष्ठी अब अपने हक के लिए कठोर से कठोर आंदोलन का रास्ता अपनाएगा ।
साथ ही केन्द्रीय चुनाव आयोग से पुनः इस विषय को संज्ञान में लेके न्यूनतम छह चाय जनसमुदाय बहुल विधानसभा क्षेत्रों के गठन का मांग किया। और आयोग को चेताते हुए कहा कि अगर बराकघाटी के चाय जनसमुदाय को पहले जैसा सम्मान नहीं दिया जाता है अथवा उनकी सघन बहुलता वाले विधान सभा क्षेत्रों का गठन नहीं हुआ तो इसके खिलाफ पूरे बराक घाटी में जोरदार आंदोलन खड़ा किया जाएगा।