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24-जून-अगरतला: राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग व त्रिपुरा बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वधान में उत्तर पूर्वांचल जनजाति सेवा समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री मानिक साहा जी के द्वारा अगरतला के होटल ग्रांड जुरी में किया गया.
मुख्यमंत्री ने सुदूर जिलों से पधारे बाल कल्याण कमेटी (C.W.C.) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते है। बच्चों के अधिकारों की रक्षा व बाल संवर्धन हम सबकी जिम्मेवारी है. हमारी सरकार व त्रिपुरा बाल अधिकार एवम संरक्षण आयोग बच्चों के अधिकारों के लिए कटिबद्ध है . राष्ट्रीय बाल अधिकार एवम संरक्षण आयोग(NCPCR) के सभी विषय विशेषज्ञों द्वारा इस सात दिवसीय प्रशिक्षण में बाल अधिकारों के बारे में आप सभी बाल कल्याण समिति के सदस्यों को चरणबद्ध योजना द्वारा प्रशिक्षण से मैं प्रसन्न हूँ। मैं आशा करता हूं कि आप सभी प्रशिक्षु इस सात दिवसीय प्रशिक्षण के बाद आने वाले दिनों में बाल अधिकारों एवम संरक्षण के लिए एक सजग प्रहरी के रूप में कार्य करेंगे .
त्रिपुरा बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की चेयरमैन श्री जयंती देवबर्मा ने जिला बाल कल्याण समिति के सदस्यों को अपने संबोधन में कहा कि आप के कंधों पर गॉव/सुदूर क्षेत्र के बच्चों को उनके अधिकारों को दिलाने की पहली जिम्मेदारी आती है . आप लोग सात दिनों में बाल अधिकारों को दिलाने के बीच आने वाली अड़चनों के लिए कानूनी प्रक्रिया व आयोग के कार्य पद्धति को अच्छे से सीखने -समझने का एक अच्छा मौका है .
राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग के वरिष्ठ तकनीकि विशेषज्ञ व नार्थ ईस्ट सेल क्षेत्र प्रभारी श्री परेश शाह जी ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों को बाल अधिकार एवम बाल संरक्षण के संवैधानिक कार्य पद्धति को विस्तार से बताया. इस कार्यक्रम में प्रतिदिन एक अलग-अलग विषय विशेषज्ञ का आना तय किया गया है .
उत्तर पूर्वांचल जनाजाति सेवा समिति के सदस्य श्री सचिन कोलाई जी के द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों, विशेषज्ञों का विशेष आभार ब्यक्त किया गया.