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लोकतंत्र में जनता ही अंतिम शब्द है और दुनिया के सभी शासक जनता के प्रति जवाबदेह हैं-प्रदीप दत्ता रॉय।
मणि भूषण चौधरी: परिसीमन की मसौदा सूची में जिस तरह से बराक को वंचित किया गया, उसके विरोध में बीडीएफ कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम सहित विभिन्न पार्टी संगठनों ने आज 12 घंटे का बंद बुलाया। नागरिक अधिकार संरक्षण समिति, बंगाली नवनिर्माण सेना सहित विभिन्न संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया। बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्यों ने आज के सफल बंद कार्यक्रम के लिए बराक के लोगों को हार्दिक बधाई दी।
एक प्रेस विज्ञप्ति में बीडीएफ के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्ता रॉय ने कहा कि इस बंद को सफल बनाने का श्रेय किसी पार्टी संगठन का नहीं बल्कि आम लोगों का है। उन्होंने कहा कि इस बंद के मद्देनजर पिछले दो दिनों से लांग मार्च सहित पुलिस की जो सक्रियता है, वह घाटी में पहले कभी नहीं देखी गयी। सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों को अपने काम पर आने के लिए आपातकालीन अधिसूचना जारी की है। आज भी पुलिस प्रशासन ने जबरन दुकानें खुलवाने की कोशिश की है। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लोगों के लोकतांत्रिक विरोध को पूरी तरह से निरंकुश तरीके से दबाने की कोशिश की गई है। लेकिन इन सबके बावजूद लोगों के स्वत:विरोध को दबाया नहीं जा सका।इस परिसीमन मसौदे के प्रति बराक की व्यापक सार्वजनिक अस्वीकृति आज की सफल हड़ताल से स्पष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि 1961 के भाषा आंदोलन की तरह बराक के सभी लोग जाति-धर्म से ऊपर उठकर जाग गये हैं।यह भविष्य के लिए एक ज्वलंत उदाहरण होगा।
प्रदीप बाबू ने कहा कि चुनाव आयोग और सरकार को जनता की इस राय को महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही अंतिम शब्द है और दुनिया के सभी शासक जनता के प्रति जवाबदेह हैं। अगर जनता की आवाज जबरन दबाई जाएगी तो इसके परिणाम गंभीर होंगे।
इसलिए उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग और सरकार इस बात को समझेगी और जनता की राय का सम्मान करेगी और बराक की चुनावी टीम को पहले की तरह बरकरार रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बंद से उनका विरोध खत्म नहीं होगा। ड्राफ्ट वापस लेने तक चुनाव आयोग को आपत्ति पत्र भेजने सहित लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी संगठन विरोध कार्यक्रम करेगा तो वे स्वत: पूर्ण तरीके से उसमें शामिल होंगे।
प्रदीप बाबू ने यह भी कहा कि बीजेपी पार्टी इस मुद्दे पर भी सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वक्त हमारा एकजुट रहना बहुत जरूरी है।
इस दिन उन्होंने सभी से बराक के अस्तित्व की रक्षा की इस लड़ाई में भविष्य में भी इसी तरह प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया।