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मणिपुर में उग्रवादियों ने खाना ले जा रहे ट्रक जलाए:6 लापता की तलाश, मैतेई का 24 घंटे का बंद; केंद्र ने 2000 और जवान भेजे

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असम के सिलचर शहर से जिरीबाम के रास्ते आवश्यक सामान लेकर इंफाल जा रहे दो ट्रकों को बुधवार सुबह उग्रवादियों ने आग लगा दी।वारदात जिरीबाम से 30 किलोमीटर दूर तामेंगलोंग में तौसेम थाना क्षेत्र के अंतर्गत लहंगनोम गांव और ओल्ड केफुंडई गांव के बीच हुई। वहीं, जिरीबाम के मोटबुंग गांव की ओर से मंगलवार रात से फायरिंग शुरू हो गई है। लगातार जारी हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2000 अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षाबल रवाना किए हैं। 20 नई कंपनियों की तैनाती के बाद मणिपुर में रैपिड एक्शन फोर्स समेत केंद्रीय बलों की 218 कंपनियां हो जाएंगी। इनमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान भी शामिल हैं।दूसरी ओर, जिरीबाम के राहत शिविर से लापता 6 लोगों का सुराग न मिलने से मैतेई लोगों में भारी नाराजगी है। जिरीबाम में बुधवार शाम 6 बजे तक कर्फ्यू है। इस बीच, 13 मैतेई संगठनों ने 24 घंटे का बंद बुलाया है। महिला प्रदर्शनकारियों ने कई रास्ते पहले ही बंद कर दिए हैं।

जिरिबाम में लापता महिलाओं और बच्चों की सलामती के लिए लोगों ने मोमबत्ती जलाई। सुरक्षाबलों इन सभी की तलाश में जुटे हैं।
जिरिबाम में लापता महिलाओं और बच्चों की सलामती के लिए लोगों ने मोमबत्ती जलाई। सुरक्षाबलों इन सभी की तलाश में जुटे हैं।

फर्जी मुठभेड़ पर पुलिस ने जारी किया बयान जिरीबाम में सोमवार को मुठभेड़ में मारे गए 10 संदिग्ध उग्रवादियों की मौत के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। कुकी संगठन इसे फर्जी मुठभेड़ बता रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं। इसे देखते हुए मणिपुर पुलिस ने लिखित बयान में आरोपों का जवाब दिया है।

इसमें कहा है कि हथियारबंद उग्रवादियों पर घात लगाकर हमला नहीं किया गया था। जकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट पर उग्रवादियों ने आरपीजी, स्वचालित हथियारों सहित भारी हथियारों से हमला किया था। जवाबी फायरिंग में वे मारे गए। जवाबी फायरिंग न होने पर नुकसान कहीं ज्यादा हो सकता था।

दावा है कि इस तस्वीर में नजर आ रहीं महिलाएं और बच्चे लापता हैं।
दावा है कि इस तस्वीर में नजर आ रहीं महिलाएं और बच्चे लापता हैं।

मणिपुर में CAPF की 20 और कंपनियां तैनात की गईं गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के लिए 12 नवंबर की रात आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया कि इन कंपनियों की तैनाती नवंबर महीने के अंत रहने की उम्मीद है। अगर इस दौरान कोई घटना होती है तो समयसीमा और बढ़ाई जाएगी। जिन अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। उनमें असम से CRPF की 15 कंपनियां बुलाई गई हैं और BSF की 5 कंपनियां त्रिपुरा से बुलाई गई हैं। मणिपुर में पहले से CRPF-BSF की 198 कंपनियां तैनात थीं।

कांग्रेस बोली- हम सत्ता के भूखे नहीं, लापता लोगों को बचाया जाए कांग्रेस विधायक दल के नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा- पिछले कुछ दिनों में राज्य में स्थिति खराब हो गई है। हम सत्ता के भूखे नहीं हैं। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अभी भी चुप क्यों हैं, जबकि साफ नजर आ रहा है कि 6 निर्दोष लोगों का अपहरण किया गया है। उन्होंने कहा कि ये अलग-अलग राज्यों या देशों के बीच युद्ध नहीं है, बल्कि एक राज्य के भीतर समुदायों के बीच टकराव है। केंद्र और राज्य को बहुत पहले ही इसका समाधान निकालना चाहिए।

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