फॉलो करें

मुश्किल में है धोलाई से भाजपा के कद्दावर नेता

221 Views

मुश्किल में है धोलाई से भाजपा के कद्दावर नेता पुराने प्रतिद्वंदी कामाख्या माला दे रहे है कड़ी चुनौती

भारतीय जनता पार्टी के सरकार में बराक घाटी से एकमात्र मंत्री रहे धोलाइ से विधायक परिमल शुक्लबैद मुश्किल में हैं, उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उन्हें चुनौती दे रहे हैं, उनके पुराने प्रतिद्वंदी कामाख्या प्रसाद माला। ऐसा क्या हो गया कि 2016 में भारी मतों से जीतने वाले परिमल शुक्लवैद की जीत मुश्किल लग रही है, 1991 से 2016 के बीच चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके परिमल शुक्लबैद के लिए इस बार की लड़ाई कठिन हो रही है।

क्योंकि 1985 से 2006 तक कामाख्या प्रसाद माला ने तीन बार निर्दल, दो बार असम गण परिषद से चुनाव लड़ कर दूसरा स्थान हासिल किए। 1996 में कांग्रेस के गिरिन्द्र मल्लिक से तीन हजार मतों से कामाख्या माला पराजित हुए तब परिमल शुक्लवैद को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। 1985 में कामाख्या जी कांग्रेस के दिगेंद्र चंद्र पुरकायस्थ से मात्र 407 मतों से निर्दल प्रत्याशी के रूप में पराजीत हुए थे। 1991, 2001, 2006 में कामाख्या माला को परिमल शुक्लवैद से हार का मुंह देखना पड़ा था। 2011 में कमाख्या जी नहीं लड़े तो गिरिन्द्र मल्लिक ने परिमल शुक्लवैद को 14,000 मतों से पराजित किया।

2016 में मोदी लहर में परिमल शुक्लवैद ने भारी मतों से विजय हासिल की किंतु इस बार उन्हें नाको चने चबाना पड़ रहा है। हिंदीभाषी और चाय जनगोष्ठी के मतदाताओं को रिझाने के लिए लोकप्रिय भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को तथा श्रमिक नेता राजदीप ग्वाला को बुलाकर सभा करनी पड़ रही हैं। सुनने में आया है कि उनके समर्थन में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल भी रैली करने के लिए आ रहे हैं।

धोलाइ क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि एक व्यर्थ मंत्री सिद्ध हुए परिमल शुक्लवैद। मुख्यमंत्री ने उन्हें pwd मिनिस्टर बनाया किंतु महा सड़क तो दूर बाई पास को भी पांच साल में नहीं बनवा सके। 2016 में सभी जाति, भाषा, धर्म के लोगों ने परिमल शुक्लवैद को वोट देकर जिताया की उनका काम होगा, बराक बैली के लिए कुछ करेंगे। लेकिन सत्ता के नशे में ऐसा चूर हुए की चमचे दलालों को छोड़कर उनके यहां किसी की सुनवाई नहीं हुई। उनके पक्षपात पूर्ण व्यवहार से धोलाई की जनता की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा।

हिंदीभाषी एवं चाय जनगोष्ठी के लोगों ने उन्हें भरपूर समर्थन देकर चार बार विधायक बनाया लेकिन उन्होंने हिंदीभाषियों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया। 2017 में घुंघुर में आयोजित हिंदी दिवस में उन्होंने कहा था कि हिंदी दिवस एक महीना मनाया जाना चाहिए और बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिए। इसके लिए असम सरकार से मैं सहायता करवाऊंगा। जब 2018 में घुंघुर से असम विश्वविद्यालय तक 15 दिवसीय हिंदी दिवस मंत्री के कहने पर हिंदीभाषी संगठनों ने आयोजित किया और बार-बार उनसे संपर्क किया तब परिमल शुक्लवैद ने किसी प्रकार का सहयोग करना तो दूर एक भी कार्यक्रम में चेहरा भी नहीं दिखाया। तब सोनाइ के विधायक अमिनुल हक लश्कर ने हिंदीभाषी संगठनों का सहयोग करके भव्य आयोजन को पूर्ण कराया। अब हिंदीभाषी संगठनों का कहना है कि जो व्यक्ति अपने वचन का पालन नहीं करता और हिंदी की उपेक्षा करता है, कैसे उसका हिंदीभाषी समर्थन करेंगे? धोलाई में किसी भी पार्टी का बिना हिंदीभाषी के समर्थन के जीतना मुश्किल है।

पिछली बार उन्हें अल्पसंख्यक मत भी मिले थे, इस बार कांग्रेस यूडीएफ गठबंधन चलते उनकी जीत मुश्किल लग रही है। उनका ड्राइवर 2 साल से गायब है, जांच करने वाले पुलिस अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया। बेसहारा मां न्याय के लिए दर-दर भटक रही है किंतु परिमल शुक्लवैद ने कोई सहायता नहीं की। चाय बागान की नेहा भाक्ति जो असम विश्वविद्यालय के शिशु अपहरण कांड में जुड़ी थी, गायब हो गई। उसका पता लगाने में मदद करना तो दूर एक बार उसके घर वालों की खोज खबर लेने भी नहीं गए जो कि उनके बगल में ही है। नियमित उसी रास्ते से उनका आना जाना है।

संघ और हिंदू संगठनों के 50-60 साल के परिश्रम और त्याग से बने हिंदुत्व के वातावरण का लाभ उठाकर विधायक और मंत्री बने परिमल शुक्लवैद के व्यवहार से लोगों का मोहभंग हो गया है। परिमल शुक्लवैद के भेदभाव पूर्ण व्यवहार के चलते धोलाई के मतदाताओं में गहरी नाराजगी है।
धोलाई विधानसभा क्षेत्र में बंगला भाषी मतदाता लगभग 69 हज़ार, अल्पसंख्यक 51 हजार, हिंदी भाषी 49 हजार तथा अन्य लगभग 16500 है। कुल 185575 मतदाता है अगर 75% मतदान हुआ तो जो प्रत्याशी 65 से 70000 पाएगा वो जीतेगा। इस बार सीधी टक्कर है, मंत्री के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी है। जबकि पांच बार पराजित होने वाले कामाख्या माला के प्रति लोगों में सहानुभूति है, पहली बार उन्हें किसी राष्ट्रीय दल ने प्रत्याशी बनाया है। यह विषय धोलाई में महत्वपूर्ण हो गया है।

कुल मिलाकर धोलाई में कांटे की टक्कर है, विजय का ऊंट किस करवट बैठेगा कहना मुश्किल है, हार-जीत का अंतर कम होने की संभावना है।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल