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हमारे जांबाज सेना के कार्य देश भक्ति व देश प्रेम की सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। इनकी तुलना हम कतई नहीं कर सकते हैं।देश इनका ऋणी रहता है। इसके अतिरिक्त हम कई तरह से देश हित के लिए कार्य कर देश प्रेम की भावना को दर्शा सकते हैं। देश प्रेम एक ऐसी भावना है,जो हमारे अंतर्मन में स्वत: प्रस्फुटित होती है।यह कहने की बात नहीं है बल्कि व्यक्ति के कार्यो द्वारा स्वत: झलकती है। देशभक्ति एक ऐसी जज्बात है जिससे व्यक्ति अपना सबकुछ न्यौछावर करने के लिए तत्पर हो जाता है। ऐसे लोगो को इतिहास सदैव स्मरण करता है। हम अपने स्तर पर देश हित में छोटे – छोटे कार्य कर देशभक्ति व देशप्रेम की मिसाल प्रस्तुत कर सकते हैं। हम जिस क्षेत्र में कार्यरत हैं उस क्षेत्र में ईमानदारी तथा जिम्मेदारी और लगन से कार्य करना भी देशभक्ति व देशप्रेम की एक अच्छा मिसाल हो सकता है। इसी कड़ी में एक प्रसंग पढ़ा था उसी को उद्धृत कर रहा हूं।एक बार एक जापानी सज्जन भारत आया।वे एक दिन रेल से एक रेलवे स्टेशन पर उतरा और एक व्यक्ति को पुकारा जिसने अपने माथे पर सब्जी की टोकरी लेकर सब्जी बेच रहा था। जापानी ने पूछा क्या बेच रहे हों? टोकरी वाला सज्जन ने कहा- सब्जी। जापानी सज्जन ने कहा ठीक है पर मुझे सब्जी नहीं चाहिए। जापानी आगे बढ़ा फिर उन्हें एक अन्य टोकरी वाला दिखाई पड़ा उससे पूछा क्या बेच रहे हों? टोकरी वाला ने जवाब दिया सब्जी। जापानी ने कहा, क्या भारत में फल नहीं मिलता? सभी कोई सब्जी ही बिक्री करता है? सब्जी वाला सज्जन ने तुरंत जवाब दिया – फल मिलता है और भरपूर मात्रा में मिलता है। आप ठहरिए अभी आप को फल मिलेगा कहकर सब्जी वाला चला गया। थोड़ी ही देर बाद सब्जी वाला अपने टोकरी में कई तरह के फल लेकर जापानी के समक्ष पहुंचा और जापानी से कहा – क्या फल चाहिए? भारतीय सब्जीवाला की देशप्रेम देखकर जापानी अवाक रह गया और भारतीय देशप्रेम की भूरी- भूरी प्रसंशा की। सब्जी वाला सोचा अगर मैं फल जापानी को न देता तो वह अपना देश लौटकर यह भ्रम फैला देता कि भारत में फल नहीं मिलता है जिससे भारत की छवि खराब होती लेकिन सब्जी वाला सज्जन ने ऐसा होने नहीं दिया। यह देश प्रेम की अनुठा उदाहरण है।
पवन कुमार शर्मा (शिक्षक)
दुमदुमा (असम)
मोबाइल ९९५४३२७६७७