
प्रे.सं.लखीपुर,६ मार्च : आज के सूचना प्रौद्योगिकी युग में सोशल मीडिया की विशेष भूमिका है। किसी के लिए ये सोशल मीडिया वरदान है तो किसी के लिए अभिशाप। और यह श्राप काछार के लखीपुर अनुमंडल के पैलापूल क्षेत्र की पायल दासगुप्ता के परिवार पर आ पड़ा। सूत्रों के मुताबिक 11 फरवरी को नाबालिग की मां ने देखा कि फेसबुक पर उनकी बेटी की प्रोफाइल पिक्चर के साथ एक पोस्ट डाली गई है, जो बेहद भद्दी है। इस बीच नाबालिग की फेसबुक आईडी नहीं है, तो यह कैसे वायरल हो गया। उन्होंने इस मामले पर अपने शुभचिंतकों से चर्चा की। पायल दासगुप्ता ने उनकी सामूहिक सलाह पर लखीपुर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया।
उन्होंने इसकी जानकारी विधायक कौशिक राय महाशय को भी दी। उन्होंने अपनी नाबालिग बेटी के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए काछार पुलिस अधीक्षक से भी संपर्क किया। बेबस पायल दासगुप्ता ने 20 फरवरी को लखीपुर थाने में मामला दर्ज कराया। केस (संख्या 51/2023 व 419/294 आईपीसी की धारा व 66सी/66डी/67) में उन्होंने अपने बयान में तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन दुर्भाग्य से आज तक पुलिस ने केवल लड़के के मोबाइल फोन को ट्रैक कर उसकी पहचान की। पता मिला और आगे नहीं बढ़ा। इसी बीच पायल दासगुप्ता ने नाबालिग की भावनात्मक स्थिति को देखकर पिछले 4मार्च को एक पत्रकार सम्मेलन कर अपनी बेबसी जाहिर की।उन्होंने कहा कि जिस तरह से लड़का अश्लील फोटो वायरल कर रहा है, उसके चलते उसे लगता है कि मेरी नाबालिग बेटी किसी भी समय कोई बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि अगर ऐसी घटना होती है तो लखीपुर पुलिस अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है.आज इस पत्रकार वार्ता में पायल दासगुप्ता, विवाह दासगुप्ता, गणेश कानू झरना आचार्य, अनीशा आचार्य, सयानी दास, संदीप आचार्य सहित अन्य मौजूद रहे। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने एक वाक्य में अभियोजन पक्ष की भूमिका पर सवाल उठाया, उनके अनुसार आज ऐसी घटना पायल दासगुप्ता की नाबालिग बेटी के साथ हुई, क्या कोई उम्मीद है कि भविष्य में पायल दासगुप्ता जैसी और माताओं के साथ ऐसा नहीं होगा ?यहां गौर करने वाली बात यह है कि अगर फर्जी फेसबुक आईडी से अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने का आरोपी पकड़ा जा सकता है तो असम पुलिस पायल दासगुप्ता की बेटी के बारे में कुछ क्यों नहीं कर पा रही है? इसे लेकर आलोचना शुरू हो गई है। एक अन्य खास सूत्र के मुताबिक, नाबालिग की मां आखिरकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा और डीजीपी जेपी सिंह से संपर्क करने की तैयारी करने जा रही है, वह चाहती है कि उसके जैसी दूसरी नाबालिग की जिंदगी में ऐसी घटना न हो।उन्होंने सभी से अपील की कि इस फेसबुक आईडी को कैसे ब्लॉक किया जाए, आखिर में उन्होंने काछार जिले के जिलाध्यक्ष रोहन कुमार झा का ध्यान आकर्षित किया और पुलिस को नाबालिगों के भविष्य के बारे में सोचते हुए विशेष उपाय करने का आदेश दिया।