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ई बिहार हव भैया यहां कोई न हव सुरक्षित, जंगलराज को लेकर सत्ता से बेदखल हुए विपक्ष कही जंगलराज की पुर्नवापसी को लेकर सत्ता पक्ष को बेदखल नहीं कर दे।
अनिल मिश्र/पटना
बिहार में पन्द्रह सालों तक राज करने वाले लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को जिस कथित जंगलराज के कारण सत्ता से हाथ धोना पड़ा और बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले सोलह वर्षों से मुख्यमंत्री के कुर्सी पर चिपके हुए हैं। चाहे जिस भी पार्टी का संख्या बल ज्यादा हो मगर इनकी कुर्सी हिलती नहीं है।कभी राष्ट्रीय जनता दल और उसके सहयोगियों के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होते हैं तो कभी भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से अपनी कुर्सी बचा लेते हैं। बिहार में कुछ लोग इन्हें कुर्सी कुमार साहब के नाम से बात करते हुए मिल जाते हैं। वहीं बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इनसे बिहार नहीं सम्हलने की बात करते हैं।
बिहार में पिछले पचास दिनों के अन्दर सात बड़े नेताओं की जहां हत्या कर दिया गया है। वहीं आज समस्तीपुर में मुखिया संघ के अध्यक्ष की सीने में गोली मारकर हत्या कर दिया गया है। जबकि दो दिन पहले नवादा में महादलितों के अस्सी घरों को भूमि माफियाओं के कहने पर दबंग लोगों ने गोलीबारी कर आग के हवाले कर दिया है।इस आपराधिक मामलों को लेकर आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई गई है। जिसमें राज्य के नवनियुक्त मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक आलोक राज भी शिरकत कर रहे हैं।
राज्य में पचास दिनों के भीतर राजधानी पटना में जहां पूजा पाठ करने वाले और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुन्ना शर्मा एवं अजय शाह की हत्या गोली मारकर कर दिया गया। वहीं मुंगेर के इसी पार्टी के बंटी सिंह की भी बदमाशों ने हत्या कर दिया था। जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता पंकज राय की हत्या हाजीपुर में कर दिया गया। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पार्टी के कद्दावर नेता और सहरसा निवासी जवाहर यादव की हत्या एवं पश्चिम चंपारण के जदयू नेता विप्लव राय गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है।
कल रात समस्तीपुर जिला के हलई थाना अंतर्गत डिहिया पुल के निकट अपराधियों ने मोरवा के मुखिया संघ के अध्यक्ष नारायण शर्मा की गोली मार कर हत्या कर दी। गोली मुखिया के सीने में लगी थी, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलते ही रात में उनके घर पर लोगों की भीड़ जुट गयी।
जानकारी के अनुसार, वनवीरा पंचायत के ही युवक रंजीत सहनी ने चार दिन पूर्व पारिवारिक विवाद में अपने शरीर मे आग लगा ली थी। इलाज के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत हो गयी थी। जिनका डिहिया पुल के पास नून नदी किनारे दाह संस्कार हो रहा था।जिसमे मुखिया व मोरवा प्रखंड के मुखिया संघ अध्यक्ष नारायण शर्मा भी शामिल थे।बताया गया है कि दाह संस्कार के समय ही कुछ लोगों में विवाद हुआ। जिसमें मुखिया ने बीच बचाव किया था। उसी क्रम में एक युवक ने मुखिया पर गोली चला दी, जो उनके सीने में लगी गोली लगते ही मुखिया गिर गए। उसके बाद लोगों ने उन्हें आनन-फानन में समस्तीपुर सदर अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने उन्हें रेफर कर दिया।तब परिजन शहर में ही एक निजी अस्पताल में ले गए। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मुखिया ने दम तोड़ दिया।
हलई थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने बताया कि मुखिया को गोली मारने वाले युवक की पहचान हो गयी है। आरोपी युवक वनवीरा पंचायत का ही रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी के पुलिस छापेमारी कर रही है।
इधर बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राज्य सरकार को अक्षम करार दे रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले दिनों बिहार के तीन सांसदों को जान से मारने की धमकी दिया गया है वहीं कई पुलिस अधिकारियों को भी इस तरह के धमकी दिए जा चुके हैं। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार में महादलितों के घरों को दबंगों द्वारा आग लगाने और बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर जंगलराज होने की बात कह रहे हैं।अब आने वाले समय में यह देखना लाजिमी होगा की मुख्यमंत्री राज्य में आपराधिक घटनाओं को रोक पाते हैं। अथवा जंगलराज के मुद्दे पर लालू राबड़ी परिवार को सत्ता से बाहर करने वाले नीतीश कुमार जंगलराज के कारण अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी भी कुर्सी बचा पाते हैं या पुनः जंगलराज के मुद्दे पर सत्ता गंवाते हैं।