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“शब्दाक्षर कानपुर का, काव्य-अनुष्ठान सम्पन्न”

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मुरली कबीर की पंक्ति ‘सूरज है खफा मुझसे, ये बात निराली है, उसके दामन से बस, कुछ धूप चुरा ली है।
और अजय मदहोश का शे़र ‘करना पड़ा है ख़ुद से हमें ख़ुद को दर किनार, तब जा के मुश्किलों से शिवाले हुए हैं हम। ने सभा किया गुलजार।
रविवार की संध्या राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ (रजि०) की कानपुर नगर इकाई द्वारा सावन के पावन माह में साहित्यिक अनुष्ठान जर्नलिस्ट क्लब, अशोक नगर में सम्पन्न हुआ। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता मुरली कबीर, मुख्य अतिथि सुशील पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि अजय श्रीवास्तव मदहोश एवं संचालन अजय शादाब ने किया।
उपस्थित कवियों में उमेश द्विवेदी, अनुराग सैनी मुकुन्द, नीरू निराली, वासु साहू, मंजू अग्निहोत्री, धीरज सिंह चंदन, अनामिका अविरल, रश्मि मनोज, मनीष मीत, धीर पाल धीर, पायल जैन, भावना बाजपेयी, मधु मोहिल, संदीप सैनी, गोपाल पाण्डेय, शंशाक साक्षर के अतिरिक्त सैय्यद हसनैन, विजय गुप्ता, कार्तिक साहू आदि उपस्थित हुए। अंत में जिलाअध्यक्ष अनुराग सैनी मुकुन्द ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस सफल आयोजन पर संस्था मुख्यालय कोलकाता से राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने बधाई प्रेषित की है ।

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