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सात घंटे की उठापटक के बाद रिहा हुए पवन खेड़ा, SC के निर्देश पर द्वारका कोर्ट ने दी जमानत

दिल्ली एयरपोर्ट से असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद द्वारका कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें 30 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया।कोर्ट से बाहर आने के बाद खेड़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मामले को लेकर अभी कोई बात नहीं करूंगा क्योंकि केस कोर्ट में है। उन्होंने बताया कि अब मैं रायपुर में हो रहे अधिवेशन में शामिल होने जा रहा हूं। 

उन्होंने कहा कि मुझे असम पुलिस ने अवैध तरीके से गिरफ्तार किया। मुझे उन्होंने एफआईआर और नोटिस की कॉपी तक नहीं दिखाई। मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है जिसने आज मेरी अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की। 

बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा अन्य नेताओं के साथ रायपुर में हो रहे अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। इस बीच असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पवन खेड़ा का पहले मेडिकल कराया गया। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चली। पवन खेड़ा की ओर से मनु सिंघवी ने उनकी पैरवी की। उन्होंने सुनवाई के दौरान कोर्ट में खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को राहत देते हुए द्वारका कोर्ट को अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया।

साथ ही पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए पवन खेड़ा को चेतावनी भी दी है।  कोर्ट ने असम पुलिस और यूपी पुलिस को एफआईआर को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

दरअसल, गुरुवार को पवन खेड़ा दिल्ली से रायपुर जा रही फ्लाइट में बैठने वाले थे। लेकिन उन्हें रायपुर जाने से रोक दिया गया। कांग्रेस ने पहले दावा किया कि पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में लेने का प्रयास किया गया। लेकिन बाद में ट्वीट किया कि दावा किया कि पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

साथ ही कांग्रेस ने सवाल किया कि खेड़ा ने ऐसा कौन सा जुर्म कर दिया। ये तानाशाही नहीं तो क्या है। पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के नेता धरने पर बैठ गए। वहीं, दिल्ली से रायपुर जा रही फ्लाइट 6E-204 को भी रद्द कर दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद पवन खेड़ा ने बताया कि ये एक लंबी लड़ाई है और मैं लड़ने के लिए तैयार हूं।

असम पुलिस के IGP लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार भुइयां ने कहा कि असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। असम पुलिस का कहना है कि खेड़ा के बयान से माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने बताया कि पवन खेड़ा को स्थानीय कोर्ट में पेश कर रिमांड लेने के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली गई है। कोर्ट के बाद खेड़ा को असम लाया जाएगा। 

आपको बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर भाजपा ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। 

कांग्रेस का दावा-फ्लाइट से उतारा गया
इससे पहले, कांग्रेस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि आज इंडिगो की फ्लाइट 6E-204 से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली से रायपुर के लिए जा रहे थे। सभी लोग फ्लाइट में बैठ गए थे, उसी दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को फ्लाइट से उतरने को कहा गया। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सबसे पहले ईडी छत्तीसगढ़ भेजी गई। अब कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने जा रहे पवन खेड़ा को फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया। इस तानाशाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।

पहले ईडी ने रायपुर में छापामारी की, अब पवन खेड़ा को रोका
उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पहले ईडी ने रायपुर में छापामारी की, अब पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के जहाज़ से उतारा गया है। तानाशाही का दूसरा नाम अमित शाही है। मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाअधिवेशन को बाधित करना चाहती है। हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

वहीं, पवन खेड़ा ने कहा कि मुझे कहा गया कि आपके सामान को लेकर कुछ समस्या है, जबकि मेरे पास केवल एक हैंडबैग है। जब फ्लाइट से नीचे आया तो बताया गया कि आप नहीं जा सकते हैं। फिर कहा गया- आपसे DCP मिलेंगे। मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। नियम, कानून और कारणों का कुछ अता-पता नहीं है।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली हवाईअड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया गया क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें रोकने का अनुरोध किया था। 

खरगे बोले- भाजपा सरकार पवन खेड़ा को कर रही परेशान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पवन खेड़ा को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पवन खेड़ा को परेशान करने की कोशिश की। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हूं, यह उनके मुंह पर करारा तमाचा है। मैं भाजपा के इस कृत्य की निंदा करता हूं। संसद में भी हमें मुद्दे उठाने से रोका गया। वे बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। देश में लोकतंत्र खतरे में है।

थरूर ने दी यह प्रतिक्रिया
वहीं, रायपुर में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह चौंकाने वाला है। पवन खेड़ा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया या कहा कि उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए। खुशी है कि हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। किसी को मजाक के लिए जेल भेजने का कोई कारण नहीं है। हमारे यहां ऐसा कानून नहीं है कि आप पीएम का मजाक नहीं बना सकते। 

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को मनमाना और तानाशाही कहा है। उन्होंने कहा, भाजपा का यह कायरतापूर्ण प्रयास है। भाजपा पूरी तरह से गुमराह है अगर उसे लगता है कि इस तरह की हास्यास्पद डराने-धमकाने की रणनीति हमें उसके भ्रष्टाचार और कुशासन को उजागर करने से रोकने वाली है। 

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