नोएडा, 12 अप्रैल। इनोवेटिव लॉ कॉलेज, ग्रेटर नोएडा में “सामाजिक समरसता से समाज सशक्तिकरण एवं समृद्धशाली राष्ट्र” विषय पर एक भव्य गोष्ठी का आयोजन सामाजिक समरसता मंच नोएडा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में देशभर से आए विद्वानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों ने सहभागिता की।
गोष्ठी के प्रमुख अतिथि के रूप में आमंत्रित वक्ता ने कहा कि यह विषय केवल एक वैचारिक चर्चा नहीं, बल्कि विकसित भारत 2047 के निर्माण की आधारशिला है। उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर के कथन को उद्धृत करते हुए कहा, “हम तब तक एक महान राष्ट्र नहीं बन सकते, जब तक समाज के सबसे अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय, समान अवसर और सम्मान न मिले।”
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता का अर्थ केवल जातीय या धार्मिक भेदभाव का खात्मा नहीं, बल्कि उस मानसिकता का परिष्कार है जो किसी को ‘कम’ या ‘अलग’ समझती है। एक सशक्त समाज वही होता है जहाँ हर बच्चा बिना डर और भेदभाव के शिक्षा प्राप्त कर सके, हर महिला आत्मनिर्भर बन सके और सभी वर्गों को समान अवसर मिले।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय पांडे (प्रधानाचार्य, इनोवेटिव लॉ कॉलेज) और मुख्य वक्ता श्री रवींद्र किरकोले (अखिल भारतीय सह संयोजक, सामाजिक समरसता) ने भी समाज में समरसता की अनिवार्यता और उसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ. प्रताप विश्नोई, श्री वेदांत पांडे, मेरठ प्रांत से श्री यशपाल जी, श्री सुमित जी (महानगर प्रचारक), श्री तापस जी, श्री अनिल जी, श्रीमती मनीषा विश्नोई, नोएडा विभाग से श्री अजीत जी एवं खेल अधिकारी सुश्री पूनम विश्नोई सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को स्थान न दें, संवाद और समझ के माध्यम से समानता को अपनाएं, तथा ज्ञान को केवल किताबों तक सीमित न रखकर जीवन में व्यवहारिक रूप से अपनाएं।
कार्यक्रम का समापन एक प्रेरणादायी संदेश के साथ हुआ कि समरसता ही स्थायी विकास, सामाजिक सशक्तिकरण और राष्ट्र की समृद्धि की कुंजी है। यही प्रयास डॉ. भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।