फॉलो करें

साहित्यकार भारती को सेवा निवृत्ति पर भावभीनी विदाई

263 Views
श्री राम जानकी मंदिर समिति,एच.पी.सी.टाउनशीप, पंचग्राम (आसाम) के तत्वावधान में  सुप्रसिद्ध  हिन्दी कथाकार श्री चित्तरंजन लाल भारती के सम्मानार्थ एक विदाई समारोह का आयोजन   संध्या मंदिर परिसर में  किया गया जिसमें एच.पी.सी.टाउनशीप, पंचग्राम (आसाम) के पारिवारिक सदस्यों ने अपनी परम्परा के अनुरूप उपस्थित होकर श्री चित्तरंजन लाल भारती जी को उनकी उत्कृष्ट साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया तथा सेवानिवृत्ति के उपरान्त भी उनके स्वस्थ , समृद्ध एवं प्रगतिशील साहित्यिक जीवन की मंगलकामना की।
समिति की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत सुमधुर लोकभजन के पश्चात   आज के इस विदाई समारोह का शुभारंभ मंदिर के स्थाई पुरोहित श्री इन्द्र जीत पाण्डेय जी के स्वस्तिवाचन से हुआ । तत्पश्चात ‌श्री मिथिलेश सिंह,श्री कमलेश शर्मा,श्री सनत प्रसाद राय,श्री हरदेव कुमार इत्यादि महानुभावों ने अपने-अपने विचारों की अभिव्यक्ति द्वारा हिन्दी साहित्य सेवा हेतु  श्री भारती जी के समर्पित योगदान की सराहना की तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात भी साहित्य सेवा हेतु शुभकामनाएं दी । समिति के कोषाध्यक्ष कविवर अजय कुमार सिंह ने हिन्दी के परिप्रेक्ष्य में बराक घाटी के समस्त  हिन्दी प्रेमियों व साहित्य समितियों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए हिन्दी को आज इस मुकाम तक लाने में उनकी महती भूमिका की सराहना की तथा श्री चित्तरंजन लाल भारती जी के सानिध्य में की गई अपनी  हिंदी साहित्य यात्रा का जिक्र करते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित किया । एक सफल , सार्थक  तथा जीवन्त  रचनाकार के लिए तन से अधिक उसके मन का स्वस्थ होना जरूरी है तभी वह आपबीती और जगबीती के मध्य स्वंय को एक सामंजस्य सेतु के रूप में पा सकेगा जिससे विपुल साहित्य की रचना संभव हो सकेगी । ऐसे रचनाकार के रूप में श्री भारती जी बराक घाटी ही नहीं अखिल भारतीय स्तर पर सम्मानित होते रहे हैं ।  एक सुयोग्य राजभाषा अधिकारी के रूप में सुपरिचित एवं लोकप्रिय साहित्य मनीषी डॉ प्रमथ नाथ मिश्र, जो आज हमारे बीच नहीं रहे , उन्हें  समिति की ओर श्र्द्धासुमन अर्पित करते हुए करते हुए उनकी उत्कृष्ट काव्य प्रस्तुति को  कविवर ने इस तरह याद किया गया कि :—
“दो दिन का है साथ हमारा,दो दिन की जिंदगानी है ,
आती जाती सांसें कहती,सबकी यही कहानी है ।
जीते जी हम समझ न पाते, ये कैसी नादानी है ?
 पर जाते ही इन आंखों में,बरबस आता पानी है ।।
अपने अध्यक्षीय भाषण में समिति के अध्यक्ष श्री गोपाल साहू ने समिति की ओर से अपने मुख्य अतिथि का अभिनंदन  तथा समस्त पारिवारिक सदस्यों के प्रति आभार प्रकट करते हुए सबों के लिए मंगलकामना किया।
तत् पश्चात आज के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध हिन्दी कथाकार, कवि एवं साहित्यकार के रूप लब्धप्रतिष्ठित हिन्दी सेवी श्री चित्तरंजन लाल भारती जी ने अपने सम्बोधन में समिति के प्रति अपना आभार प्रकट किया तथा विपरीत परिस्थितियों में भी इस तरह के आयोजन की परंपरा निर्वाह के लिए धन्यवाद भी दिया।आज के  संदर्भ में जीवन की बदलती तस्वीर के परिणामस्वरूप  खुद को नित नवीन बदलते मानदंड पर ढालने की कोशिश की सराहना करते हुए सबों को उचित मार्गदर्शन हेतु साहित्य से जुड़े रहने की जरूरत पर बल दिया क्योंकि साहित्य समाज का दर्पण है और इसे ही सत्य के अक्षरशः बोध कराने का सामर्थ्य हासिल है। सबों से आगे अपने जीवन में साहित्य की साधना हेतु यथासंभव सहयोग की अपील तथा श्रीमती पूनम कुमारी के द्वारा किए गए अनुरोध पर एक समसामयिक काव्य रचना की प्रस्तुति के पश्चात समिति के कोषाध्यक्ष एवं आज के इस कार्यक्रम के कुशल संचालन की जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले कविवर श्री अजय कुमार सिंह जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन तथा मुख्य अतिथि के लिए सपरिवार ,सकुशल एवं आनन्दमय जीवन की मंगलकामना के साथ  समिति की ओर से भावभीनी विदाई इन शब्दों में अर्पित की गई कि:——_-
“खुदा करे कि ये पौधा सदा हरा ही रहे ।
उदासियों में भी चेहरा खिला-खिला ही रहै ।।”

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल