स्वर्णाली दास ने मृत्यु के बाद नेत्रदान का संकल्प लिया

0
77
स्वर्णाली दास ने मृत्यु के बाद नेत्रदान का संकल्प लिया
असम विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में तीसरे सेमिस्टर की छात्रा स्वर्णाली दास नहीं चाहती कि उनके पसंदीदा शरीर का अंतिम संस्कार किया जाए।  वह चाहती हैं कि मरने के बाद भी उनकी ये दोनों आंखें किसी अंधे व्यक्ति की आंखों में रोशनी के फव्वारे की तरह बनी रहे।  उनका मानना ​​है कि उनकी नजरों में मौत के बाद भी वह इस दुनिया में रहेंगी।  लंबे समय से अटके इस सपने को साकार करने के लिए माता-पिता दोनों को समझाने के बाद, कहाँ सम्पर्क करना है इसके लिए खोज शुरू होता है।  बराक वैली के मोबाइल ब्लड बैंक के नाम से मशहूर सुरजीत सोम महाशय से संपर्क किया जाता है।  उन्होंने सक्षम एजेंसी से संपर्क किया।  9 अक्टूबर, 2021 को अपने 24वें जन्मदिन पर,  स्वर्णाली ने सक्षम के राष्ट्रीय नारे, ‘रक्तदान ऑन द वे’ ‘ आई डोनेशन ऑन द वे’ के हिस्से के रूप में कॉर्निया ब्लाइंडनेस फ्री इंडिया अभियान में भाग लेकर अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान करने का संकल्प लिया।  स्माइल के उपाध्यक्ष सुरजीत सोम महाशय ने उन्हें शपथ पत्र सौंपा। इस पुण्य का स्वर्णिम क्षण में स्वर्णाली के
 पिता नीलमाधब दास एवं माता शिल्पी दास के अलावा स्माइल के उपाध्यक्ष सुरजीत सोम , सक्षम के नार्थ-ईस्ट इंडिया कोऑर्डिनेटर एवं असम राज्य की महासचिव  मिठुन राय तथा कछार जिला कोषाध्यक्ष सुनीता कोईरी भी उपस्थित थे।
( फोटो में स्वर्णाली दास अपने माता पिता के साथ नेत्रदान का संकल्प पत्र देते हुए)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here