हिंदीभाषी चाय जनसमुदाय मंच ने राज्य के मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न मांगो को उठाया 

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शिलचर । हिंदीभाषी चाय जनसमुदाय मंच ने राज्य के मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न मांगो को उठाया है। चार दिन पहले मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने शिलचर में हिंदीभाषी संगठनों एवं इस समाज के नेताओं के साथ एक बैठक की थी। उदय शंकर गोस्वामी व अवधेश कुमार सिंह के नेतृत्व में हिंदीभाषी चाय जनसमुदाय मंच ने तमाम मांगो को उठाते हुए अनेक ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए अपनी बाते रखी। मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौपा। मंच के महासचिव कंचन सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को सुना है। सिंह ने बताया कि चूंकि मुख्यमंत्री पहली बार बराक घाटी में इस तरह की बैठक हिंदी भाषी समाज के साथ किए। मंच ने कहा है कि असम में चाय की खेती के लिए लाए गए लोगो ने, विशेषकर बराक घाटी में, सहज रूप से हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में अपनाया। चाय बागानों में बसे लोगो के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक विकास के साथ – साथ भूमि अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर बल देने की मांग की है। मंच ने कहा है कि असम के आर्थिक और औद्योगिक विकास में इनका बहुत बड़ा योगदान है। बराक घाटी और ब्रह्मपुत्र के बीच हमेशा टी एंड एक्स टी समुदाय से जुड़े प्रमाण पत्र के मुद्दों के संबंध में टी और पूर्व – टीजीएल के कोटा में उच्च शिक्षा को लेकर विवाद बना रहता है। इस विषय को भी उठाया। मंच का मानना है कि बराक घाटी में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने से उन्हें सूचीबद्ध किया जा सकेगा। वहीं बागानों की भूमि पर अवैध रूप से हुए अतिक्रण से निजात की मांग भी की गई है। चाय एवं पूर्व चाय समुदाय के हितों के लिए विभिन्न योजनाओं को शुरू करने, चाय उद्योग के बचाने के लिए विशेष पैकेज, छात्रावास, नवोदय स्कूल की तरह नए स्कूल खोलने, हिंदी माध्यम में शिक्षा ग्रहण करने के अधिकार, परीक्षाओं में हिंदी भाषा के चयन करने सहित विभिन्न विषयों को रखा गया है।

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