जनता कॉलेज काबूगंज, काछाड़(असम) के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप में एक छात्र ने हिंदी में मकर संक्रांति की बधाई दी तो प्रधानाचार्य महोदया भड़क गई और पूछने लगी कि बराक उपत्यका क्या हिंदीभाषी अंचल है? और उन्होंने छात्र को पुछा कि तुम क्या अबंगाली हो। इसपर एक छात्र ने पूछा कि बराक उपत्यका क्या भारत से बाहर है? तो जवाब देने के बजाय, उसे ऑफिस में मिलने के लिए बोल दिया, जवाब नहीं दिया।
इसकी कड़ी प्रतिक्रिया लोगों में देखने को मिल रही है। बराक घाटी में विभिन्न भाषा संप्रदाय के लोग रहते हैं कॉलेज में भी बांग्ला भाषी हिंदी भाषी मणिपुरी ट्राईबल विभिन्न भाषा भाषी छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा घोष द्वारा इस प्रकार विद्वेष मुलक आचरण लोगों के समझ से परे हैं। लोगों का कहना है कि उनसे पूछना चाहिए कि लोग अंग्रेजी में बधाइयां देते हैं तो क्या ये इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोप हो गया? हिंदी में बधाई देना क्या असंवैधानिक, गैरकानूनी है, हिंदी के लिए बराक उपत्यका में कोई प्रतिबंध है क्या? सोशल मीडिया में लोग प्रधानाचार्या से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। इस बारे में कॉलेज के छात्र यूनियन के ओर से एक बैठक बुलाई गई है बैठक के बाद यूनियन, प्रधानाचार्या से इसके बावद माफी मांगने की मांग करेंगी। यदि प्रधानाचार्य ने माफी मांगने से इनकार किया तो काछाड़ हिंदीभाषी छात्र परिषद, हिंदीभाषी युवा मंच तथा अन्य हिंदीभाषी संगठन मिलकर प्रधानाचार्य के खिलाफ आंदोलन कर सकते हैं।