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असम: मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों से अस्पतालों का दौरा करने को कहा

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गुवाहाटी, 16 मई (हि.स.)। कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों और असम पर इसके व्यापक प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे कंटोनमेंट जोन में निवारक निर्देशों को सख्ती से लागू करें ताकि महामारी के बढ़ती प्रभाव पर रोक लगायी जा सके।

रविवार को यहां जनता भवन (असम सचिवालय) में मुख्यमंत्री कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशकों के साथ आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि कंटोनमेंट जोन के लिए किए गए उपायों का व्यापक अनुपालन करते हुए कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने में एक लंबा रास्ता तय करना होगा। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में घोषित कंटोनमेंट जोन में निर्देशों को लागू करें।

मुख्यमंत्री ने जिलों के उपायुक्तों से यह भी कहा कि वे अपने-अपने जिलों में विषम समय के दौरान कोविड के मरीजों को क्रिटिकल केयर ट्रीटमेंट की व्यवस्था को सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला उपायुक्तों से अपने-अपने क्षेत्राधिकार में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सिविल अस्पतालों का दौरा करने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को जिलों में चलाए गए टीकाकरण अभियानों की निगरानी के लिए एक एडीसी की जिम्मेदारी तय करने को भी कहा। एडीसी को यह अध्ययन करना चाहिए कि जिलों में टीकाकरण किस तरह से बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री सरमा ने थानों के प्रभारी अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में टीकाकरण केंद्रों का दौरा करें ताकि केंद्रों पर कोविड नियमों का सही तरीके से पालन किया जा सके।

मुख्यमंत्री सरमा ने जिला उपायुक्तों से कहा कि वे घर से कोविड पॉजिटिव मरीजों के परिवहन के लिए वाहन की व्यवस्था कोविड केयर सेंटरों में करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनके क्षेत्रों में सकारात्मक मामलों की संख्या में वृद्धि होती है तो वे अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक सूक्ष्म रोकथाम क्षेत्र घोषित करें। उन्होंने उपायुक्तों से यह भी कहा कि वे कंटोनमेंट जोन में रहने वाले गरीब लोगों को 02 हजार रुपये की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराएं।

कोविड के खिलाफ काम करने को असम सरकार का प्राथमिक कार्य बताते हुए सरमा ने कहा कि डीसी, एसपी, स्वास्थ्य के संयुक्त निदेशक और अन्य हितधारकों को अपने-अपने जिलों में एक टीम के रूप में काम करना चाहिए ताकि लोगों को महामारी से सुकुन मिल सके। डॉ सरमा ने सिविल और पुलिस प्रशासन से तीसरी लहर के लिए सतर्क रहने और लहर के खिलाफ बहादुरी तैयार रहने को को भी कहा।

इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री केशब महंत, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ल बरूवा, डीजीपी भास्कर ज्योति महंत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अनुराग गोयल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव अविनाश जोशी, गृह एवं राजनीतिक के प्रधान सचिव नीरज वर्मा, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन लक्ष्मणन एस व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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