असम में लगातार हो रही बारिश और बढ़ते नदी जलस्तर के कारण बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। विशेष रूप से हाइलाकांदी जिले में बाढ़ का प्रभाव अत्यंत गंभीर है। जिले की तीन प्रमुख नदियों – धलेश्वरी, काटाखाल और बराक – का जलस्तर खतरनाक सीमा को पार कर गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
धलेश्वरी नदी ने पार किया खतरे का निशान
घरों और खेतों को अपने आगोश में ले रही धलेश्वरी नदी का जलस्तर घरमुरा क्षेत्र में सुबह से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में पानी घुस चुका है, जिससे सड़कों और घरों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
काटाखाल और बराक नदियों में भी उफान
मतिजुरी क्षेत्र में कटाखल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे की सीमा लांघ चुका है। बराक नदी में भी जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
प्रभावित क्षेत्र और राहत कार्य
पूर्वी हाइलाकांदी के अंकलंका क्षेत्र के तसला बांध, बशदहर, बारबैंड, रतनपुर, मोहनपुर और मनाचारा के गुडमघाट जैसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। इन इलाकों में प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
शहरी क्षेत्रों में कृत्रिम बाढ़
हाइलाकांदी शहर भी इस बार बाढ़ की चपेट में है। विशेषकर कटाखल नदी के किनारे बसे इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। कई घरों में पानी घुस चुका है और यातायात बाधित है।
मिजोरम में बारिश बनी चिंता का कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पड़ोसी राज्य मिजोरम में भारी वर्षा जारी रही, तो हाइलाकांदी में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। पहले से ही दर्जनों गांव पानी में डूब चुके हैं और हजारों लोग प्रभावित हो चुके हैं।
स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और प्रशासन चौबीसों घंटे निगरानी बनाए हुए है। आम जनता से अपील की गई है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दे और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करे।





















