उस्मान गनि, बिलासीपारा, 23 अगस्त:- शनिवार को ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) के अध्यक्ष रेजाउल करीम सरकार बिलासीपारा के चिराकुता क्षेत्र में पहुँचे। उनका उद्देश्य चरुआबाखरा, संतोषपुर और चिराकुता के निष्कासित (उच्छेदित) इलाकों का दौरा करना था। लेकिन प्रशासनिक रोक के कारण वे अंदर नहीं जा सके। बाद में राष्ट्रीय राजमार्ग-17 के किनारे कई प्रभावित लोगों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याएँ सुनीं। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए AAMSU अध्यक्ष ने कई अहम टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने कहा – “असम में SIR की कोई आवश्यकता नहीं है। हर साल मतदाता सूची का पुनरीक्षण होता है। NRC में पहले ही सभी आवश्यक जानकारियाँ दी गई हैं, तो फिर SIR की क्या ज़रूरत?” उच्छेद (Eviction) के मुद्दे पर उन्होंने कहा – “AAMSU आंदोलन तभी रोकेगा, जब मुख्यमंत्री बातचीत के ज़रिए समस्या का समाधान करेंगे। बातचीत से हल निकल सकता है, लेकिन बंदूक, बुलडोज़र और पुलिस कार्रवाई से नहीं।” बांग्लादेशियों के मुद्दे पर उन्होंने साफ कहा – “असम के मुसलमानों का बांग्लादेशियों से कोई सम्पर्क नहीं है, न अब है और न भविष्य में होगा। बांग्लादेशियों से अगर किसी का अच्छा रिश्ता है, तो वह बीजेपी का है।”
रेजाउल करीम सरकार ने असम सरकार की उच्छेद नीति को पूरी तरह अमानवीय करार देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि – “यह सब केवल राजनीतिक लाभ और 2026 चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हिन्दू–मुसलमान को देखकर अभियान चलाया है। यह मानवीय नहीं, केवल सत्ता की राजनीति है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा – “मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर सकते। यह लोग जानवर नहीं, इंसान हैं। इन्हें इंसान की तरह जीने का अधिकार दीजिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह जनता का श्राप लगेगा।





















