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विगत दिनों बराक वैली में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के विधायक कमलाक्ष दे पुरकायस्थ ने यह कह कर आग में घी डालने का काम कर दिया की तिनसुकिया में बंग्ला भाषा होना चाहिये । आये दिन ऊपरी असम में बंगला भाषा को लेकर विभिन्न दल संगठनों द्वारा समय समय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर असम मोरान सभा के सभापति राजीव बोरा, सचिव दुर्लभ गोहाई ने विरोध प्रकट किया और कहा कि असम की हजारों बरस भाषा संस्कति के समन्वय क्षेत्र में भाषिक जनसंख्या की दुहाई दे कर भुमिपुत्रों के उपर इस तरह की मानसिकता कभी ग्रहण नहीं की जा सकती। विधायक कमलाक्ष दे पुरकायस्थ के विभाजन कारी वक्तव्य से ब्रह्मपुत्र उपत्यका में बंगिय शिक्षा अनुष्ठान एवं स्थानीय बंग भाषी समस्याओं से घिर जाएंगे। असम सहित्य सभा एवं जातीय संगठनों की निर्लिप्त भुमिका पर क्षोभ प्रकट किया है। साथ ही सरकार से माँग की कि इस तरह का वक्तव्य देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर कारवाई की जाय अन्यथा जंगी अन्दोलन की धमकी दी है ।