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यशवन्त पाण्डेय, शिलकुड़ी 17 फरवरी। राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान शिलचर में सिविल इन्जीनियरिंग विभाग के तत्वाबधान में जल संसाधन, महासागर और पर्यावरण अभियांत्रिकी पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शनिवार को हुई। सम्मेलन का उद्देश्य नई चुनौतियों का समाधान करने और जल संसाधन अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भविष्य की दिशाओं पर अपने नवीनतम शोध निष्कर्षों, विचारों, विकास और दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के लिए अकादमिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक समुदायों के विशेषज्ञों को एक साथ लाना है।
इस दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में चारचांद लगाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी जोधपुर से प्रोफेसर सुभाशीष दे, एनआईटी शिलचर के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार वैद्य, प्रोफेसर पार्थो सारथी चौधुरी (डीन एण्ड फेकाल्टी एस/डब्लु), प्रोफेसर नलीन बिहारी चौधुरी , डा. अर्जुन सील (सम्मेलन के संयोजक एवं सिविल इन्जीनियरिंग विभागीय प्रधान), प्रो. उपेन्द्र कुमार, डा. मनीष पाण्डेय उपस्थित थे। वही आनलाईन के जरिए
नॉर्थ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर अचिंत्य बेजबरुआ, आईआईटी रूड़की से प्रोफेसर सीएस पी ओझा, आईआईटी बॉम्बे से चेयर प्रोफेसर प सुबिमल घोष, लंकाशायर विश्वविद्यालय की डॉ. कोमली कांतमनेनी और पश्चिम बंगाल वाटर फॉर पीपल की राज्य प्रभारी सुश्री सुजाता त्रिपाठी मिश्रा उपस्थित थी।
आयोजकों का मानना है कि इस कार्यक्रम का समकालीन प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूकता और विकास तथा राष्ट्र-निर्माण और सामाजिक विकास की दिशा में उनकी हालिया प्रगति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। यह शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, अनुसंधान विद्वानों और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए दुनिया भर में चल रहे अनुसंधान के लिए फायदेमंद होगा। सम्मेलन में एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार बैद्य को इस सम्मेलन को सफल बनाने में निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए के आयोजको के तरफ से आभार प्रकट किया गया।
इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और युवा शोधकर्ताओं को एक साथ लाना है ताकि वे अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को प्रदर्शित करने और साझा करने और अनुसंधान के नए रुझानों और जल संसाधन अभियांत्रिका के उभरते क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान कर सकें।
इस सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों की भागीदारी अनुसंधान सहयोग के लिए भविष्य की नेटवर्किंग को आरंभ और प्रोत्साहित करेगी। एक कठोर समीक्षा प्रक्रिया के बाद, सम्मेलन में प्रस्तुति के लिए 50 लेख स्वीकार किए गए हैं। सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागी आईआईटीएस, एनआईटी और दुनिया भर के अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों से आये हैं।





















