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एनआईटी शिलचर में सहायक प्रोफेसर पर छेड़छाड़ का आरोप, छात्रों का देर रात तक विरोध प्रदर्शन

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एनआईटी शिलचर में शर्मनाक कांड! प्रोफेसर पर छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप, छात्रों का उग्र आंदोलन
शिव कुमार, शिलचर, 21 मार्च: एनआईटी शिलचर में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डी.के. राजू पर प्रथम वर्ष की एक छात्रा से छेड़छाड़ और अनुचित शारीरिक संपर्क बनाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस घटना को लेकर बीती रात छात्रों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने संकाय क्वार्टर के बाहर देर रात तक प्रदर्शन किया। विरोध को बढ़ता देख संस्थान प्रशासन ने आरोपी प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया

छात्रों का विरोध और प्रमुख मांगें

घटना के बाद सैकड़ों छात्रों ने संस्थान के बाहर इकट्ठा होकर पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। छात्रों ने प्रबंधन के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखीं:

  1. डी.के. राजू की तत्काल बर्खास्तगी और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई।
  2. छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिसर में सख्त निगरानी और स्थायी सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं
  3. संस्थान प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाए
  4. पुरुष प्रोफेसरों और महिला छात्रों के बीच किसी भी निजी बैठक को बंद कमरे में आयोजित करने पर प्रतिबंध लगाया जाए
  5. यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की जांच के लिए छात्रों और प्रशासन के प्रतिनिधियों की एक स्थायी समिति बनाई जाए

संस्थान की छवि पर असर

यह घटना न केवल पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य के लिए आघात है बल्कि एनआईटी शिलचर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की छवि को भी धूमिल करती है। छात्रों का कहना है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

एनआईटी शिलचर प्रबंधन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत पुलिस और सीआरपीएफ बलों को तैनात किया। साथ ही, प्रबंधन ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे

इस घटना ने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा और अनुशासन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन छात्रों की मांगों को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या उचित न्याय सुनिश्चित किया जाता है।

क्या एनआईटी शिलचर अब सुरक्षित नहीं? प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल!
शिक्षा के मंदिर में घिनौनी हरकत! एनआईटी शिलचर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डी के राजु पर एक प्रथम वर्ष की छात्रा से छेड़छाड़ और अनुचित शारीरिक संपर्क बनाने का संगीन आरोप लगा है।इस घटना के बाद संस्थान में हड़कंप मच गया और छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों छात्रों ने रातभर प्रदर्शन कर न्याय की गुहार लगाई। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि एनआईटी प्रशासन को आखिरकार झुकना पड़ा और आरोपी प्रोफेसर को निलंबित करना पड़ा। लेकिन सवाल यह उठता है – क्या सिर्फ निलंबन ही पर्याप्त है? या फिर सख्त कार्रवाई की जरूरत है?

छात्रों की 5 बड़ी मांगें – क्या होगा इंसाफ?

छात्रों ने इस घटना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
1. डी के राजु की तत्काल बर्खास्तगी – सिर्फ निलंबन नहीं, बल्कि उन्हें संस्थान से पूरी तरह निकाला जाए।
2. छात्राओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं – ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त नियम बनाए जाएं।
3. कानूनी कार्रवाई हो – एनआईटी प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाए और आरोपी को सख्त सजा दिलाई जाए।
4. पुरुष प्रोफेसरों और महिला छात्रों के बीच बंद कमरे में बैठक पर रोक – किसी भी हाल में ऐसी परिस्थितियों को जन्म न दिया जाए जहां छात्राएं असुरक्षित महसूस करें।
5. यौन उत्पीड़न मामलों के लिए स्थायी समिति बनाई जाए – जिसमें छात्रों और प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल हों, ताकि ऐसे मामलों को गंभीरता से निपटाया जा सके।
यह पहली बार नहीं है जब किसी शिक्षण संस्थान में ऐसा शर्मनाक कृत्य हुआ हो। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे मामलों को दबाने की कोशिश की जाती है। शुरुआत में प्रशासन सख्त दिखता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, आरोपी को बचाने के प्रयास किए जाते हैं।क्या इस बार भी वही कहानी दोहराई जाएगी?एनआईटी शिलचर के छात्र अब खुलकर इस घटना के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और तेज हो सकता है। छात्रों का कहना है कि अगर इस बार सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह पूरे संस्थान के भविष्य के लिए खतरनाक होगा।छात्रों का कहना है कि अगर इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज किया गया, तो महिला छात्रों की सुरक्षा का क्या होगा?एक छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर कहा हम एनआईटी में पढ़ने आए हैं, डरने नहीं। अगर संस्थान के भीतर ही हम असुरक्षित हैं, तो प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे।वहीं, एक अन्य छात्र ने कहा,अगर आरोपी को सख्त सजा नहीं मिली, तो कल किसी और छात्रा के साथ ऐसा हो सकता है। यह लड़ाई सिर्फ एक छात्रा की नहीं, बल्कि पूरे एनआईटी की है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर डी के राजु की केवल निलंबन तक ही कार्रवाई सीमित रही, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा, या फिर यह भी सिर्फ एक और दबा हुआ मामला बनकर रह जाएगा? क्या एनआईटी प्रशासन महिला सुरक्षा को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाएगा? या फिर आरोपी को बचाने की कोशिश होगी? छात्राओं को इंसाफ मिलेगा या फिर यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

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