"नियम पालन नहीं, जीवन रक्षा ही लक्ष्य" – उपायुक्त मृदुल यादव "4-E मॉडल" (इंजीनियरिंग, प्रवर्तन, शिक्षा, आपातकालीन देखभाल) के तहत बहुस्तरीय पहल; पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य और नगर निकायों की समन्वित कार्रवाई
शिलचर, 30 जुलाई — “सड़क सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी है।” इसी स्पष्ट संदेश के साथ कछार जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त श्री मृदुल यादव, आईएएस ने मंगलवार को आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि ट्रैफिक नियमों को यदि महज़ प्रतिबंध के रूप में देखा जाएगा, तो सड़क दुर्घटनाओं को रोकना संभव नहीं होगा। बल्कि इन्हें सुरक्षा कवच के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिकों की भागीदारी के बिना सड़क सुरक्षा अभियान सफल नहीं हो सकता।
बैठक में जिला प्रशासन ने “4-E” ढांचे (Engineering, Enforcement, Education, Emergency Care) पर आधारित सड़क सुरक्षा पहलों को और मजबूत करने का निर्णय लिया। श्री यादव ने बताया कि पुलिस, परिवहन विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, उत्पाद, पीडब्ल्यूडी, एनएचआईडीसीएल समेत अन्य नागरिक निकायों के समन्वित प्रयासों से ढांचागत विकास एवं जन-जागरूकता में सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं।
प्रमुख कदमों में शामिल हैं:
- ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर स्पीड ब्रेकर और साइनेज की स्थापना
- गैमन और सदरघाट पुलों का मरम्मत कार्य
- स्कूलों और अस्पतालों के पास लाइटिंग सिस्टम का सुदृढ़ीकरण
- अवैध अतिक्रमण हटाकर सड़कें मुक्त कराना
एसएसपी श्री नोमल महत्ता, एपीएस ने बताया कि शिलचर बाइपास और मिजोरम रोड जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाई गई है। हेडगेयर जांच, ब्रेथ एनालाइज़र, नाइट पेट्रोलिंग और हाईवे ढाबों पर निगरानी जैसे उपाय शराब सेवन कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इसके साथ ही आधुनिक संसाधन जैसे बैरिकेड, बॉडी कैमरा, ट्रैफिक जैकेट और रिकवरी वैन का उपयोग तेज कार्रवाई के लिए किया जा रहा है।
परिवहन, उत्पाद और पुलिस विभागों ने संयुक्त रूप से ओवरस्पीडिंग, अवैध पार्किंग और वाहन ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाया है। “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” नीति ने हेलमेट उपयोग को लेकर जन-जागरूकता में वृद्धि की है। इसके अलावा शहर से लेकर गांव तक चलित टैब्लो के माध्यम से सड़क सुरक्षा का संदेश पहुंचाया जा रहा है।
शिक्षा विभाग एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से जिले के 20 विद्यालयों में सड़क सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, जिसमें वीडियो प्रदर्शन, चित्रकला प्रतियोगिता, रैली, प्रश्नोत्तरी, नुक्कड़ नाटक और दोपहिया वाहन चलाने वाले विद्यार्थियों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया है।
आपातकालीन सेवा को भी मजबूती दी गई है। ब्लैक स्पॉट पर 10 मिनट के भीतर पहुंचने योग्य एंबुलेंस तैनात की गई है। इसके साथ ही ड्राइवरों के लिए नेत्र जांच शिविर, ट्रॉमा किट, ऑक्सीजन युक्त ट्रॉली, ट्रैफिक कोन और क्रैश रिकवरी उपकरण जैसी सुविधाएं प्राथमिक प्रतिक्रिया व्यवस्था को प्रभावी बना रही हैं।
बैठक में एसएसपी श्री नोमल महत्ता, अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती अंतरा सेन (एसीएस), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुब्रत सेन, सहायक आयुक्त श्री फुनलालोंगी चोरेई (एसीएस), जिला परिवहन अधिकारी श्री रमेश श्याम, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक, एनएचआईडीसीएल, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, उत्पाद, विधिक मापन विभाग और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
IRAD और SAM POLICI डाटा के अनुसार वर्ष 2023-24 में सड़क दुर्घटनाओं में 3.33% और मृत्यु में 37% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या में 16.3% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2025 (जनवरी-जून) में दुर्घटनाओं की संख्या भले ही बढ़ी हो, परंतु मृत्यु दर में गिरावट प्रशासन की प्रभावी पहल का प्रमाण है। हालांकि, गंभीर घायलों की संख्या में वृद्धि ने आपातकालीन प्रतिक्रिया और रोकथाम पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता स्पष्ट कर दी है।
“हर मील को मुस्कान में बदलना” (Turning Every Mile into a Smile) के लक्ष्य के साथ जिला सड़क सुरक्षा समिति ने समावेशी, आंकड़ा-आधारित और जन-केंद्रित नीति पर आगे बढ़ने के संकल्प को दोहराया। कछार जिले का यह मॉडल अंतरविभागीय समन्वय और जागरूक नेतृत्व के जरिए समग्र विकास का एक प्रेरणादायी उदाहरण बन रहा है।
यह जानकारी बराक उपत्यका जनसंपर्क विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय, शिलचर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई है।





















