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अनिल/रांची 13 नवंबर: झारखंड विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की नक्सलियों की कोशिश फिर एक बार नाकाम हो गई। मतदान केंद्र के बाहर आज जब बम मिला। तो लोगों ने कहा कि हमलोग को सुरक्षा बलों पर है पूरा भरोसा है। हमलोग जरुर अपना मताधिकार का प्रयोग कर ही घर वापस लौटेंगे।
झारखंड प्रदेश के 81सदस्यीय विधान सभा के लिए आज 43विधानसभा क्षेत्र में 683 उम्मीदवारों के भाग्य के फैसला के लिए मतदान संपन्न हो रहे हैं।
इस दौरान आज झारखंड में नक्सलियों के वोट बहिष्कार और बम भी मतदाताओं को लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने से नहीं रोक सका। मनोहरपुर के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के सोनापी में नक्सलियों ने वोट बहिष्कार की अपील किया था। वहीं रवांगदा में आज सुबह बम की खबर आई। इसके बावजूद इन मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में मतदाताओं की भीड़ उमड़ी है।
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के सोनापी में मतदाताओं मतदान करने से रोकने के लिए पेड़ काटकर सड़क पर गिरा दिया था ।उस पर एक पोस्टर टांगकर अपील की कि लोग मतदान का बहिष्कार करें। इतना ही नहीं नक्सलियों ने मंगलवार की रात को ही पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा अंतर्गत लाइलोर पंचायत के रावांगदा गांव स्थित बूथ संख्या- 255 के गेट पर बैनर और पोस्टर लगाकर 2 किलो का एक बम भी लगा दिया।आज बुधवार को अहले सुबह जैसे ही बम की सूचना मिली। वहां पहुंची झारखंड विधानसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए पहुंची पोलिंग पार्टी और सुरक्षा बलों में हड़कंप मच गया।
उसके बाद तत्काल पुलिस और सुरक्षा बलों ने मिलकर बम, बैनर और पोस्टर को जब्त कर लिया। इसकी वजह से यहां मतदान शुरू होने में आधे घंटे की देरी भी हुई। जबकि बम और नक्सली धमकी के बावजूद मतदाताओं का उत्साह कम नहीं हुआ। पुलिस और सुरक्षाकर्मी की जांच के दौरान सैकड़ों मतदाता बूथ के बाहर इंतजार करते रहे।
इस संबंध में पुलिस और सुरक्षा बल के अधिकारियों पत्रकारों को बताया कि बम को बैटरी से कनेक्ट नहीं किया गया था।इसलिए डरने की कोई बात नहीं है। मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा अंतर्गत छोटानागरा थाना क्षेत्र के सोनापी-हतनाबरू मार्ग, बिटकलसोय, नयागांव, रायडीह के रास्ते को पेड़ काटकर नक्सलियों ने कर दिया था। वहीं उसपर वोट बहिष्कार का बैनर लगा दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र के मतदाताओं ने हिम्मत नहीं हारी और जमकर अपना वोट डालकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर नक्सलियों के वोट बहिष्कार पर तमाचा जड़ा। झारखंड के सारंडा नक्सलियों का एक अभेद्य दुर्ग माना जाता है।