शिवकुमार शिलचर, 30 नवंबर: काछाड़ जिले के शिलकुड़ी चाय बागान में रास पूर्णिमा पर बरम बाबा का तीन दिवसीय मेला लगता है। बराक घाटी का सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक बरम बाबा का मेला पिछले 82 वर्षों से चल रहा है। बरम बाबा की मान्यता इतनी है की दूर-दूर से लोग मेले में आते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मेले में 300 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के स्टाल लगे हुए थे। कई प्रकार की चरखी भी लगी हुई थी। तीन दिवसीय मेले के अंतिम दिन खचाखच भीड़ होती है। रास पूर्णिमा के दिन 10 हजार से ज्यादा भक्तों ने बरम बाबा को जल चढ़ाया। मेले में बरम बाबा पर जल चढ़ाने का शुभारंभ संचालन समिति के अध्यक्ष श्रीमान डी एन सिंह जी जल चढ़ाकर, पूजा अर्चना के साथ करते हैं। इस पारंपरिक मेले में दूर-दूर से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। यह जानना दिलचस्प है कि बरम बाबा मेला बराक घाटी के इतिहास के सबसे पुराने मेलों में से एक है।
इस मेले के साथ कई लोककथाएँ और किंवदंतियाँ जुड़ी हुई हैं। बरम बाबा एक ब्राह्मण थे जो 7 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर से यहाँ आये थे। उन्होंने देवी-देवताओं की पूजा और प्रार्थना करके इस स्थान को पवित्र बना दिया था। यह उनका निस्वार्थ समर्पण और धार्मिकता ही थी, जिसने उन्हें एक संत बना दिया और आसपास के लोग, जो ज्यादातर चाय बागान श्रमिक थे, उनकी पूजा करने लगे। इसी स्थान पर बरगद के पेड़ की छाया में उन्हें पूर्ण मुक्ति प्राप्त हुई थी और तब से उनकी याद में हर साल मेला आयोजित किया जाता है। इस साल बरम बाबा के मेले के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए कई नेता गण बरम बाबा के प्रति अपना अनुभव लोगो के साथ साझा किए तथा बरम बाबा मंदिर में पूजा अर्चना किए। वैसे तो प्रत्येक वर्ष उद्घाटन समारोह में नेता मंत्रियों को आमंत्रित किया जाता है और बरम बाबा के मंदिर परिसर के उन्नयन हेतु समारोह में उपस्थित जनता के समीप कई प्रकार के सुझाव भी देते है लेकिन, जैसे ही मेला समाप्त होता है, सब भूल जाते है|सन २०१८ में बिशेष अतिथि के रूप में उपस्थित असम सरकार मे मंत्री स्थानीय एक नेता ने कहा था की, शिलकुरी को उद्यान पर्यटन स्थल व इस क्षेत्र मे झील व चाय बागानों के साथ साथ अच्छी हरियाली है। उनका मानना था की अगर ऐसा हो जाता है तो बरम बाबा का मेला अधिक से अधिक तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को आकर्षित करेगा और इसके लिए वे मुख्यमंत्री से भी वार्तालाप करेंगे साथ ही बरम बाबा परिचालन समिति को एक योजना बनाने के लिए भी कहा लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई भी कारवाही नहीं हुयी पता नहीं। वे लोग बरम बाबा से झूठ बोलते हे या जनता से लेकिन बरम बाबा सभी का कल्याण ही करते है |