शालछापरा ग्राम पंचायत (कटिगढ़ा विधानसभा क्षेत्र) के निवासियों ने बताया कि बराक उपत्यका के तीनों जिलों में प्रमुख संपर्क मार्ग और आसपास के इलाके हर साल बारिश के मौसम में बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। बराक और कटाखाल नदियों के किनारे बसे इलाकों – जैसे घाघरापार टुकुर गांव और बर्णीरपार से बगलेन्जर पार के बीच के हिस्से – में लगातार नदी कटाव हो रहा है।
स्थानीय जनता का कहना है कि बीते 2–3 वर्षों से वे लगातार जल संसाधन मंत्री पियूष हजारिका को स्मारक पत्र सौंप रहे हैं, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। थक-हारकर आज उन्होंने मीडिया के माध्यम से फिर अपनी पीड़ा जाहिर की और बराक विकास विभाग के प्रभारी मंत्री कौशिक रॉय से इन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और स्थायी समाधान की मांग की।
इस दौरान क्षेत्रीय पंचायत सदस्य आदित्य गिरी बड़ोपात्र सिन्हा, समाजसेवी शंकर शील, स्नेहाशीष दास, अनूप कुमार दास, नुरजामान लस्कर, विश्वजीत दास समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
बराक उपत्यका के शिलचर, रामनगर और शालछापरा क्षेत्रों की हालत इन दिनों अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। नदी कटाव, बाढ़, और जल निकासी की समस्या को लेकर जनता प्रशासन से ठोस और समयबद्ध कदम उठाने की मांग कर रही है। अब देखना यह है कि संबंधित विभाग और मंत्रीगण इस गंभीर स्थिति पर क्या ठोस कार्रवाई करते हैं।





















