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सूरत हीरो का शहर, सुंदर समुद्री किनारों का शहर, टेक्सटाइल मार्केट के लिए प्रसिद्ध, खाने पीने के लिए मशहूर शहर, मन को लुभाने वाला एक सुंदर नगर

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द्वितीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन 2022 सूरत गुजरात से प्रेरणा भारती के विशेष प्रतिनिधि दिलीप कुमार द्वारा

द्वितीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन 2022 में भाग लेने के लिए शिलचर से 7 लोग 12 सितंबर की सायं काल सूरत पहुंचे। जिसमें हमारे साथ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से सौरभ वर्मा, असम विश्वविद्यालय से सुरेंद्र कुमार उपाध्याय, पृथ्वीराज ग्वाला, जवाहर नवोदय विद्यालय से विकास उपाध्याय, पंजाब नेशनल बैंक डिविजनल ऑफिस से गुलशन कुमार तथा हिंदीभाषी समन्वय मंच से रितेश नुनिया आदि सम्मेलन में भाग लेने सूरत पहुंच चुके हैं।

सुंदर, मनोरम, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगमगाता शहर सूरत

14-15 सितंबर को आयोजित सम्मेलन में उद्घाटन और समापन सत्र के अलावा 5 सत्र होंगे। जिसमें पिछले 75 वर्षों में राजभाषा हिंदी की विकास यात्रा, युवाओं को गर्व की अनुभूति कराती हिंदी, महात्मा गांधी का भाषा चिंतन और राष्ट्र के लिए एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान, भाषाई समन्वय का आधार है हिंदी तथा भारतीय सिनेमा और हिंदी विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों द्वारा चर्चा की जाएगी। 15 सितंबर को सायं काल 4:00 बजे सम्मेलन का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन का उद्घाटन कल सुबह 10:00 बजे भारत सरकार के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह जी करेंगे।

समुद्र के किनारे गणेश मंदिर

आज सुबह 9:00 बजे हम लोगों ने सम्मेलन स्थल दीनदयाल उपाध्याय इनडोर स्टेडियम जाकर अपना निमंत्रण पत्र और परिचय पत्र संग्रहित किया। वहां से हम सभी साइंस सेंटर घूमने गए जिसमें विज्ञान के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्रदर्शित की गई है। हीरे कैसे तैयार की जाती है इसकी पूरी प्रक्रिया समझाने के लिए डायमंड गैलरी बनाई गई है। खगोल विज्ञान के बारे में तारामंडल के माध्यम से जानकारी दी जाती है। वहां पर हम लोगों को आशुतोष यादव मिले जो चंडीगढ़ से आए थे और पहले शिलचर केंद्रीय विद्यालय संगठन में हिंदी अधिकारी का काम कर चुके हैं। वह हम सभी ने गुजरात का प्रसिद्ध खाना खमन, इडाडा, और ढोकला खाया। जो स्वादिष्ट भी था और महंगा भी नहीं था। वहां से हम लोग डुमास बीच समुद्र के किनारे घूमने गए।

सुप्रसिद्ध डुमास बीच, समुद्र की लहरों के साथ

कल कोलकाता एयरपोर्ट पर चार-पांच घंटे का समय मिला था तो हम लोग बेलूर मठ ठाकुर दक्षिणेश्वर घूमने गए थे। वहां हल्की बारिश हो रही थी और जब शाम को सूरत पहुंचे यहां भी हल्की वर्षा हो रही थी। आज भी समुद्र के किनारे पहुंचने पर हल्की वर्षा प्रारंभ हो गई, समुद्र के किनारे या यूं कहे तो समुद्र में जहां पानी है, उसके बीच एक सुंदर गणेश जी का मंदिर मिला। जिसके तीन तरफ पत्थरों की विशाल दीवार खड़ी की गई थी, संभवत मंदिर की रक्षा के लिए। विशाल समुद्र की गरजती लहरें और लहरों के बीच थपेड़े खाते तिनके की तरह हिलते दुलते जहाज दिखाई पड़े। समुद्र के किनारे खाने पीने का बहुत सारा स्टार लगा हुआ था। समुद्र के किनारे घूमने के लिए छोटी गाड़ियां, बड़ी गाड़ियां, ऊंट और घोड़े भी तैयार थे। चारों तरफ लोग फोटो खिंचा रहे थे कुछ लोग लहरों के साथ खेल भी रहे थे। जो हमें सुरक्षित नहीं लगा। प्राकृतिक समुद्र किनारे मनोरम दृश्य का सभी ने आनंद लिया और वहां से भुट्टा और टमाटर भजिया खाकर वापस अपने विश्राम स्थल की तरफ लौटे।

सूरत की साइंस सेंटर के बाहर

कल परसो तो सम्मेलन में बीत जाएगा किंतु 16 तारीख को एक बार फिर हम लोगों को घूमने का मौका मिलने वाला है, और सूरत शहर वाकई घूमने लायक है। वापसी में प्रवीण भाई मिले, जिन्होंने हमें गाड़ी से संघ कार्यालय छोड़ा और न्यूनतम किराया लिया। उबेर वाले ठगी कर रहे हैं, समुद्र के किनारे से वापसी के लिए उबेर बुक करो तो कोई भी ड्राइवर यात्री को लेने जाना नहीं चाहता और डबल किराए की मांग करता है। बुकिंग रिजेक्ट भी नहीं करता, कंजूमर खुद जब ट्रिप कैंसिल करता है तो उबेर वाले फाइन लेते हैं। उनके ड्राइवर बदमाशी करते हैं और उबेर वाले उल्टा यात्री से वसूली करते हैं।

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