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आज शिलचर में हिंदीभाषी और चाय जनगोष्ठी समाज की एक सामाजिक बैठक डॉक्टर बैकुंठ ग्वाला की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में परिसीमन के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। वक्ताओं ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी समाज में निष्क्रियता देखी जा रही है। परिसीमन के मुद्दे पर 15 दिन बाद एक बैठक आयोजित की गई इसमें भी उपस्थिति नगण्य दिखाई दी। बैठक के अंत में वर्ली ब्रिज कांड में मृत आत्मा की शांति के लिए मौन पालन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर वैकुंठ ग्वाला ने कहा कि चुंकि जनसंख्या बढ़ रही है, इसलिए परिसीमन में सीट बढ़ना चाहिए, घट क्यों रहा है?
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शास्त्री ने कहा कि हिंदीभाषियों की सदा उपेक्षा होती है। परिसीमन के नाम पर किसी भी समुदाय को संतुष्ट करने का काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस के नेता और समाजसेवी संजीव राय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि परिसीमन पर मुख्यमंत्री जी प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं, बराकवासी दुखी है और वह खुश हो रहे हैं। उन्होंने पाथरकांदी और कटलीछोड़ा सीट काटे जाने का प्रतिवाद किया साथ ही शिलचर के 6 वार्ड उधारबंद में भी जोड़ने का प्रतिवाद किया। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि जब राताबाड़ी और धोलाई सामान्य नहीं हुआ तो करीमगंज को सामान्य क्यों किया जा रहा है?
शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रभूषण ग्वाला ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि जनसंख्या बढ़ने पर सीट बढ़नी चाहिए फिर 15 से 13 क्यों किया जा रहा है? वरिष्ठ समाजसेवी और रिटायर्ड अभियंता प्रदीप गोस्वामी ने काछाड़ में परिसीमन को अनुकूल बताते हुए कहा कि करीमगंज सामान्य होने से हमारा नुकसान है। तरुण समाजसेवी राजदीप राय ने परिसीमन का स्वागत किया और कहा कि नई बड़खला सीट से हमारा लाभ है, उन्होंने साउथ करीमगंज सीट का नाम पाथरकांदी करने की मांग की। उन्होंने शिलचर से उधारबंद में 6 वार्ड जोड़े जाने का भी विरोध किया।
हिंदी भाषी युवा मंच के अध्यक्ष राजेन कुंवर ने बराक घाटी में विधानसभा सीट बढ़ाने की मांग की। प्रेरणा भारती की संपादक श्रीमती सीमा कुमार ने हिंदी भाषा में जागरूकता की कमी पर ध्यान आकर्षित किया। श्रीमती वंदिता राय ने परिसीमन में बराकघाटी की सीट घटाए जाने का विरोध किया। वरिष्ठ पत्रकार योगेश दुबे ने कहा कि कुछ समय से देखा जा रहा है कि विभिन्न मामलों में हिंदीभाषियों की उपेक्षा हो रही है।
बैठक का संचालन करते हुए पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने परिसीमन आयोग द्वारा सुझाव और आपत्ति के लिए दिए गए समय को नाकाफी बताते हुए कहा कि जब 2026 में परिसीमन होना ही है तो मात्र 3 साल के लिए इधर उधर क्यों किया जा रहा है। उन्होंने सभा के तरफ से चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा की बराक घाटी में सीटें किस आधार पर कम की जा रहे हैं? इसकी जानकारी जनता को दी जाए।
सभा में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में रामनारायण नुनिया, श्रीमती राजकुमारी मिश्रा, सुभाष चौहान, श्यामू यादव, हीरालाल भर, रामव्रत नुनिया, सुमित राय, रितेश नुनिया आदि शामिल थे।