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पंकज चौहान, खेरनी, ७ दिसंबर : पश्चिम कार्बी आंग्लोंग जिले के खेरनी क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष अब भयावह रूप ले चुका है। करीब १५० जंगली हाथियों का एक विशाल झुंड पिछले एक महीने से दिन-रात क्षेत्र में आतंक मचा रहा है।
जो पका हुआ धान के खेत कभी किसानों की उम्मीद थे, आज वे हाथियों के विचरण स्थल बन गए हैं। पके हुए धान और गन्ने के खेतों में अब हाथियों की लंबी-लंबी कतारें नजर आती हैं। ग्रामीण पिछले एक महीने से रात भर जागकर अपने घरों और फसलों की रक्षा करने को मजबूर हैं।
हाथियों ने भारी तबाही मचाई है: पके हुए धान की फसल पूरी तरह बर्बाद, सब्जियों के खेत, गन्ना, कीमती पेड़-पौधे नष्ट, कई घर पूरी तरह ढहा दिए गए और अनाज के भंडार कुचल दिए गए |
सबसे दुखद घटना यह है कि हाल ही में एक हाथी के हमले में युवती खुशबू राजभर की जान भी चली गई। कई परिवार बेघर हो चुके हैं।
हाथियों के कारण सामान्य जीवन ठप हो गया है। रात में मरीजों को ले जाने वाली एम्बुलेंस तक सड़क पर चलने से डरती है। झुंड अब कई छोटे-छोटे समूहों में बंट चुका है और खेरनी तथा आसपास के गांवों-गांवों व सड़कों पर फैल गया है। हर तरफ दहशत का माहौल है।
बार-बार प्रयास के बावजूद दक्षिणी वन रेंज, खेरनी हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने या नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल रही है।
इस संकट के बीच पूर्व सांसद होरेन सिंह बे ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ित ग्रामीणों से मिलकर स्थिति का जायजा लिया।
ग्रामीणों ने वन विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तत्काल राहत और स्थायी समाधान की मांग की है।





















