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अनिल मिश्र/पटना, 9 जनवरी: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव इन दिनों कार्यकर्ता संवाद यात्रा पर हैं। बक्सर जिले में इस यात्रा के तहत कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद लौटने के क्रम में तेजस्वी यादव ने अचानक सरसों के खेत में उत्तर गये और किसानों का हालचाल का जाना। कल बुधवार को बक्सर जिले से लौटने के दौरान आरा जिले के बिहियां में तेजस्वी यादव एक खेत में पैदल ही चले गये और फिर वहां रहे किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान तेजस्वी यादव ने एक खेत में खड़े होकर फेसबुक लाइव भी किया। जिस किसान से राजद नेता तेजस्वी यादव मिले उस किसान से तेजस्वी यादव ने यह भी पूछा कि असल मुद्दा का बा?
इस दौरान किसान से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने उनसे पूछा कि आपको क्या दिक्कत है? इसपर किसान ने जवाब दिया कि लाइन की दिक्कत है। फिर तेजस्वी ने पूछा कि फसल की बिक्री नहीं होती है तो किसान ने कहा कि हां नहीं होती है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि आप तो पासी समाज से हैं। इसपर किसान ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि नीरा बेचिए। हम नीरा बेचेंगे या ताड़ी। नीरा में फायद नहीं है। हमलोग चाहते हैं कि ताड़ी बेचने दिया जाए। सब बाल-बच्चा पढ़-लिख कर बैठा है। बीए पास है नौकरी नहीं है। इसपर तेजस्वी ने पूछा असल मुद्दा का बा? महंगाई और बेरोजगारी है ना। तो किसान ने कहा कि हां महंगाई बहुत ज्यादा है।
इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा इस बिहार में डबल इंजन की सरकार ने पूरी तरीके से किसानों को बर्बाद करने का काम किया है। इस दौरान बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी बिहार सरकार और केंद्र सरकार को एक साथ घेरा। तेजस्वी ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर हैं लेकिन किसी से संवाद नहीं करते हैं। नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया था कि साल 2022 तक वो किसानों की आय को दोगुना कर देंगे। लेकिन 2025 हो गया पर अब तक किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है। किसानों ने एमएसपी को लेकर आंदोलन किया था। प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वो एमएसपी को लागू करेंगे लेकिन अब तक एमएसपी को लेकर पीएम ने कोई चर्चा नहीं की है।
किसान से बातचीत से पहले तेजस्वी यादव एक खेत में उतरे। यहां तेजस्वी यादव ने फेसबुक लाइव के दौरान कहा हम खेत में खड़े हैं और यहां सरसो की खेती हो रही है। लिहाजा हमने सोचा कि यह रुक कर कुछ किसानों से भी बात की जाए। कुछ किसानों से बातचीत के बाद हम इस खेत में पहुंचे हैं। जो हमारे अन्नदाता हैं। वो धूप हो या सर्दी दिन-रात मेहनत करते हैं और हम लोगों को अन्न प्रदान करते हैं। लेकिन किसानों की स्थिति बिहार ही नहीं पूरे देश में बदत्तर होती जा रही है।