मणिपुर हिंसा के बाद धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने हालात का जायजा लेने के लिए एक अहम बैठक की।

मणिपुर हिंसा के बाद धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने हालात का जायजा लेने के लिए एक अहम बैठक की। इसमें सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बची, अलग राज्य की मांग करने वाले मणिपुर के दस कुकी विधायकों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद सरकार ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ और संरक्षित जंगलों में बेदखली करते समय कभी भी किसी विशेष समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया।इस बीच जानकारी मिली है कि मणिपुर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में राहुल गाधी से मुलाकात की और हालात की जानकारी दी। सेना के प्रवक्ता के मुताबिक इम्फाल शहर में तैनात सभी केंद्रीय और राज्य बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रथम मणिपुर राइफल्स में एक सुरक्षा और समन्वय बैठक की और अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की गई और आगे की रणनीति बनाई गई। बैठक में सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और आरएएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। असम राइफल्स ने बैठक का संचालन किया और भविष्य की आकस्मिकताओं की स्थिति में किए जाने वाले उपायों पर विचार-विमर्श किया। शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी सुरक्षा बलों के प्रयासों में तालमेल बिठाने के कदमों पर भी चर्चा की गई।





















