नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति मामले पर शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल किया है. चुनाव आयुक्तों के चयन में मुख्य न्यायाधीश को शामिल न करने के चलते नियुक्ति रद्द करने की मांग का केंद्र सरकार ने विरोध किया है. केंद्र सरकार ने कहा- यह दलील गलत है कि आयोग की स्वतंत्रता तभी होगी, जब सिलेक्शन पैनल में कोई जज जुड़े. इलेक्शन कमीशन एक स्वतंत्र संस्था है. इस याचिका का मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद को खड़ा करना है.
केंद्र ने कहा है कि चयन पैनल में न्यायपालिका के किसी सदस्य की मौजूदगी से ईसीआई की स्वतंत्रता उत्पन्न नहीं होती है. उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों से निष्पक्षता से काम करने की अपेक्षा की जाती है. ऐसे में चुनाव आयुक्तों की क्षमता और पात्रता पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता राजनीतिक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति नियम-कानून के आधार पर की गई है, इससे पहले सर्च कमेटी ने बड़े पैमाने पर सभी तथ्यों पर गौर किया और फिर समिति को नाम आगे भेजा गया. ऐसे में एडीआर समेत इस मामले में दायर सभी अर्जियों को खारिज किया जाना चाहिए.





















