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दुर्लभछोड़ा 16 अगस्त: 78वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर दुल्लभछोड़ा स्थित ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर,पारिसर में “मुल्क चलो आंदोलन” के शहीदों को नमन करते हुए तिरंगा झंडा फहराया गया। मुल्क चलो आंदोलन के केन्द्रबिन्दु होने के कारण 2023 में करीमगंज जिला प्रशासन द्वारा सन 1903 में प्रतिष्ठित राम जानकी मंदिर को जिले का ऐतिहासिक स्थल घोषित किया गया था। पिछले साल की तरह इस साल भी ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर,पारिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का आयोजन करीमगंज जिला प्रशासन के निर्देश पर रामकृष्णनगर सर्कल के साथ “मुल्क चलो आंदोलन श्रद्धांजलि समारोह आयोजक समिति” द्वारा किया गया। समारोह में देश के अनगिनत शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनमें मुलक चलो आंदोलन के हजारों गुमनाम नायक भी शामिल थे। मौके पर दुल्लभछोड़ा डेवलपमेन्ट ब्लॉक के सहायक बीडीओ अरूप कुमार साहा, सीवीपी हायर सेकेंडरी स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य ब्रजगोपाल सिन्हा, राम जानकी मंदिर प्रबंधन समिति के संगठन महासचिव तथा मुल्क चलो आंदोलन श्रद्धांजलि समारोह आयोजक समिति के सह-संयोजक राजदीप राय सहित स्थानीय व्यक्तियों में कमल मरोठी, प्रदीप बरुआ, जयप्रकाश उपाध्याय, बाबुल भौमिक एवं अन्य स्थानीय नागरिकगण मौजूद थे।
कार्यक्रम में ध्वजारोहण के बाद बृजगोपाल सिन्हा ने शहीदों को नमन करते हुए स्वाधीनता संग्राम में दुल्लभछोड़ा की भूमिका पर अपना वक्तव्य रखा। फिर राजदीप राय ने अपने संबोधन में मुल्क चलो आंदोलन और रामजानकी मंदिर से संबंधित इतिहास को सामने रखते हुए असम सरकार से रामजानकी मंदिर परिसर को संरक्षित करके मुल्क चलो आंदोलन के पृष्टभूमि पर आधारित स्मृति चिन्ह बनाने की मांग की। अंत में सहकारी विकास खंड अधिकारी एके साहा ने समस्त देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दिया और कार्यक्रम की समाप्ति घोषणा की गई।