नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है. सातवें चरण में मतदान समाप्त होने के बाद अलग-अलग टीवी चैनलों, सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले एग्जिट पोल डिबेट में कांग्रेस पार्टी अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेगी. पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
पार्टी सूत्रों ने एक जून को होने वाले अंतिम दौर के मतदान से ठीक पहले बताया कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल का हिस्सा न बनने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि ऐसी बहसों से कोई सार्थक नतीजे सामने नहीं आते. पार्टी सूत्रों का कहना है कि चार जून को होने वाली मतगणना के बाद देश की जनता का जनादेश सामने आएगा. पार्टी इसे स्वीकार करेगी.
एग्जिट पोल से किनारा करने का कारण भी बताया
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर पोस्ट में बताया कि कांग्रेस ने एग्जिट पोल से किनारा क्यों किया है. उन्होंने कहा कि मतदान के बाद जनादेश ईवीएम में कैद हो जाता है. ऐसे में चार जून को आधिकारिक मतगणना से पहले किसी भी अटकलबाजी में शामिल होना केवल टीआरपी का खेल है.
542 सीटों पर मतगणना चार जून को
गौरतलब है कि सातवें और अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव में आठ राज्यों और केंद्र शासित राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग होगी. इसमें उत्तर प्रदेश की 13 सीटों, बिहार की आठ, ओडिशा की छह, झारखंड की तीन, हिमाचल प्रदेश की चार, पश्चिम बंगाल की नौ और चंडीगढ़ की एक सीट शामिल हैं. बता दें कि गुजरात की एक सीट पर निर्विरोध भाजपा प्रत्याशी का निर्वाचन हो चुका है. ऐसे में मतदान समाप्त होने के बाद चार जून को 542 लोकसभा सीटों और कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. पूर्वोत्तर के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव की मतगणना दो जून को ही होगी.
अलग-अलग चरणों में अब तक कितनी वोटिंग हुई
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत और तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. 2019 के मुकाबले तीन चरणों में इस बार कम वोटिंग हुई थी. हालांकि, चौथे दौर में 96 सीटों पर 69.16 मतदान हुआ जबकि 2019 में इन सीटों पर 69.12त्न वोटिंग हुई थी. पांचवें दौर में सभी आठ राज्यों में 62.20 फीसदी मतदान हुआ. छठे चरण में 63.36 फीसदी मतदान हुआ है.