वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठकें दावों-प्रतिदावों को लेकर टकराव का केंद्र बन गई हैं क्योंकि देश में कई सरकारी निकायों ने वक्फ बोर्डों पर उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने के आरोप लगाए हैं। बैठकों में विपक्ष की ओर से एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केवल दिल्ली की ही 172 वक्फ संपत्तियों की सूची सौंपी जो उनके अनुसार एएसआइ के अनधिकृत कब्जे में हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठकें दावों-प्रतिदावों को लेकर टकराव का केंद्र बन गई हैं, क्योंकि देश में कई सरकारी निकायों ने वक्फ बोर्डों पर उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने के आरोप लगाए हैं। एएसआई ने उन पर अनधिकृत निर्माण का भी आरोप लगाया है। रेलवे बोर्ड के अलावा शहरी मामलों और सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी विभिन्न वक्फ बोर्ड पर इसी तरह के आरोप लगाए हैं।
इन मंत्रालयों ने वक्फ संपत्तियों से संबंधित मौजूदा कानून में प्रस्तावित संशोधनों का समर्थन किया है। उधर, इन्हें लेकर प्रतिदावे भी किए जाने लगे हैं। समिति में विपक्षी सदस्यों ने दावा किया है कि वास्तव में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सहित सरकारी निकायों के अनधिकृत कब्जे में हैं।
ओवैसी ने 172 वक्फ संपत्तियों की दीं लिस्ट
सूत्रों ने बताया कि बैठकों में विपक्ष की ओर से एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केवल दिल्ली की ही 172 वक्फ संपत्तियों की सूची सौंपी, जो उनके अनुसार एएसआइ के अनधिकृत कब्जे में हैं।
समिति कर रही बैठकें आयोजित
समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल के समक्ष उनकी यह सूची एएसआइ के इस दावे के बाद आई है कि उसके (एएसआइ के) 120 से अधिक संरक्षित स्मारकों पर विभिन्न वक्फ बोर्ड अपना दावा कर रहे हैं। सभी हितधारकों की बात सुनने और संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह तक अपनी सिफारिशें पूरी करने की समयसीमा को पूरा करने के लिए समिति द्वारा नियमित तौर पर दिनभर की बैठकें आयोजित की जा रही हैं।