आक्रोशित जनता का विरोध, अंततः मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर समाप्त हुआ आंदोलन
शिलचर (काछाड़), 9 जून:
“हर घर जल” की योजना जहां सिर्फ पोस्टरों तक सिमट कर रह गई है, वहीं जमीनी हकीकत बयां कर रहा है शिलचर विधानसभा क्षेत्र के रानिघाट के अंतर्गत कृष्णपुर-भैरवनगर गांव। लगभग एक महीने से यह इलाका एक बूंद पेयजल को तरस रहा है। भीषण गर्मी और तपती धूप में जहां लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं इस गांव के करीब 400 से अधिक परिवार जल संकट से त्रस्त हैं।
कृष्णपुर भैरवनगर वाटर सप्लाई स्कीम से पानी की आपूर्ति बंद हो जाने के कारण लोगों के सामने जीवनयापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। हाल की बाढ़ की विभीषिका से उबरने के बाद अब पानी की कमी इस क्षेत्र के लिए एक नई त्रासदी बन गई है। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पानी की किल्लत से बच्चों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। वृद्ध हों या बच्चे—सभी को दिन-रात पानी की तलाश में भटकना पड़ रहा है।
मंगलवार को सब्र का बांध टूटा।
खफा ग्रामीणों ने हाथों में खाली कलसियाँ लेकर शिलचर-कालाइन रोड पर उतर आए और “जल चाहिए, जल दो” के नारों के साथ सड़कों पर प्रदर्शन किया। कुछ समय के लिए सड़क अवरुद्ध कर प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश जताया।
जनता की मुख्य मांग:
- वाटर सप्लाई स्कीम नंबर 285 कृष्णपुर भैरवनगर को तुरंत दुरुस्त कर सुचारू जलापूर्ति बहाल की जाए।
- यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन और भी बड़े स्तर पर होगा।
हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया और मौके पर पहुंचे मैजिस्ट्रेट ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोगों ने अस्थायी रूप से सड़क जाम हटाया।
अब देखना यह है कि प्रशासन की यह आश्वासन कब तक धरातल पर उतरता है और क्या कृष्णपुर-भैरवनगर के लोग जल्द ही जल संकट से मुक्ति पा सकेंगे।